November 21, 2024

Newz Studio

सरल और संक्षिप्त

बच्चों को स्मार्टफोन की आदत से बचायें

बच्चों के बढ़ते स्मार्टफोन के इस्तेमाल से बढ़ रही हैं मानसिक और शारीरिक समस्याएं। साथ ही बढ़ते स्मार्टफोन के इस्तेमाल से उनके शारीरिक विकास पर भी काफी प्रभाव पड़ता दिख रहा है ।

फीचर| आजकल बच्चों के पास स्मार्टफोन हैं जो उनके लिए मानसिक और शारीरिक रोगों का कारण बन रहे हैं। जिस तेजी से तकनीक आगे बढ़ रही हैं उसके खतरे भी बढ़ते जा रहे हैं। इससे बच्चों की आंखें कमजोर होने के साथ ही वह कई और बिमारियों के शिकार भी बन रहे हैं। आज के दौरा में मोबाइल और कम्पयूटर के बिन जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है। ऐसे में अभ्रिभावकों को चाहिये किस वह बच्चों को स्मार्टफोन का इस्तेमाल जरुरी कामों को करने के लिए ही दें।

आंकड़े के अनुसार माता-पिता के लिए बच्चों को स्मार्टफोन और टैब्लेट आदि के नियमित इस्तेमाल से रोकना कठिन होता जा रहा है।
अगर आप अपने बच्चे के जिद करने पर उसे बड़ी आसानी से अपना स्मार्टफोन पकड़ा देते हैं, तो जरा सावधान हो जाएं क्योंकि बच्चों के हाथ में स्मार्टफोन पकड़ाना किसी नशीली और जहरीली चीज पकड़ाने के बराबर है।

एक हालिया अध्ययन में यह बात सामने आई है कि स्मार्टफोन की लत में फंसे बच्चे, जहां माता-पिता के साथ कम समय बिता रहे हैं, वहीं तकनीक उनके मानसिक विकास और दिमाग को कमजोर भी कर रही है। स्मार्टफोन का ज्यादा इस्तेमाल करने वाले बच्चों की रचनात्मक प्रतिभा खत्म होने लगती है और उनमें फैसले लेने की क्षमता भी कमजोर पड़ जाती है। अध्ययन के दौरान पाया गया कि तकनीक के इस्तेमाल और फिजिकल एक्ट‍िविटी में तालमेल न होने के कारण बच्चों का शारीरिक विकास भी प्रभावित हो रहा है। पाया गया है घंटों स्मार्टफोन पर समय बिताना अभिभावकों की चिंता का कारण बनता जा रहा है।