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भारत में पानी की उपलब्‍धता की स्थिति चिंताजनक: नायडू

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उपराष्ट्रपति ने प्रत्येक नागरिक से पानी की हर बूंद को बचाने के लिए जल योद्धा बनने का आग्रह भी किया।

नई दिल्ली | उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने जल संरक्षण पर एक राष्ट्रव्यापी अभियान चलाने का आह्वान किया है। इसके साथ ही उन्होंने प्रत्येक नागरिक से पानी की हर बूंद को बचाने के लिए जल योद्धा बनने का आग्रह भी किया।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि यह सभी के लिए समय है कि वे इस स्थिति की गंभीरता का एहसास करें और जल्द से जल्द पानी की बचत के उपाय अपनाएं अन्यथा भविष्य में दुनिया को पानी की भारी कमी का सामना करना पड़ेगा। उपराष्ट्रपति ने बड़े जल संकट को रोकने के लिए सामूहिक कार्रवाई करने की आवश्यकता पर जोर दिया।

नायडू ने जल प्रतिज्ञा दिवस मनाने के लिए सराहना की। उपराष्ट्रपति ने कहा कि पृथ्वी पर उपलब्ध ताजा पानी के 3 प्रतिशत में से केवल 0.5 प्रतिशत पीने के लिए उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि भारत की आबादी विश्व की आबादी से 18 प्रतिशत अधिक है, लेकिन भारत में दुनिया के नवीकरणीय जल संसाधनों का केवल 4 प्रतिशत है।

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उपराष्ट्रपति ने कहा कि वर्तमान में लगभग 2.2 बिलियन लोगों की पहुंच सुरक्षित रूप से प्रबंधित पीने के पानी तक नहीं है। दुनिया के लगभग 4.2 बिलियन लोग या 55 प्रतिशत आबादी अभी सुरक्षित रूप से प्रबंधित स्वच्छता के बिना रह रही है।

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नायडू ने कहा कि महिलाएं हर दिन 200 मिलियन से अधिक घंटे दूर के स्थानों से पानी लाने के लिए खर्च करती हैं। विश्व स्तर पर बच्चे अपनी माताओं के बोझ को सांझा करते हुए प्रत्येक दिन 200 मिलियन घंटे खर्च करते हैं।

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उपराष्ट्रपति ने कहा कि तेजी से शहरीकरण, बढ़ती जनसंख्या, औद्योगिक और कृषि गतिविधियों का विस्तार, बोरवेल की अंधाधुंध ड्रिलिंग, जलवायु परिवर्तन और पानी के लापरवाह उपयोग से पानी की कमी हो रही है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत में पानी की स्थिति चिंताजनक है और हम चलता है रवैया अपनाकर खुश नहीं रह सकते। नायडू ने कहा कि स्थिति को संभालने के लिए कई वचन लेने होंगे।

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