September 6, 2025

Newz Studio

सरल और संक्षिप्त

पौड़ी में प्रवासियों के लिए बनाये गए तीन क्वारनटीन सेंटर

प्रदेश में लगातार कोरोना संक्रमित व्यक्तियों की बढ़ती तादाद को देखते हुए जिला प्रशासन ने प्रवासियों को रखने के लिए पौड़ी में तीन केंद्र सुनिश्चित कर दिए हैं।

ख़ास बात:

  • पौड़ी में प्रवासियों के लिए तीन क्वारनटीन सेंटर बनाये गए
  • महाराष्ट्र से आये प्रवासियों में कोरोना की सम्भावना अधिक
  • आने वाले प्रवासियों के लिए शहर से बाहर बनाया क्वारनटीनसेंटर
  • 800 बेड के दो क्वारनटीन सेंटर कोटद्वार और लक्ष्मण झूला में

पौड़ी: प्रदेश में लगातार कोरोना संक्रमित व्यक्तियों की तादाद बढ़ती जा रही है, जिसको देखते हुए जिला प्रशासन ने अब इन प्रवासियों को रखने के लिए पौड़ी में तीन केंद्र सुनिश्चित कर दिए हैं।

पौड़ी में देखा गया है कि महाराष्ट्र से आने वाले प्रवासियों में कोरोना संक्रमण की संभावना सबसे ज्यादा पाई गई है, जिसको देखते हुए जिला प्रशासन ने शहर से अलग केंद्रीय विद्यालय की नई बिल्डिंग में महाराष्ट्र से आने वाले प्रवासियों के लिए क्वारनटीन सेंटर बना दिया है, इस सेंटर में केवल महाराष्ट्र से आने वाले प्रवासियों को ही रखा जा रहा है।

उपजिलाधिकारी पौड़ी अंशुल सिंह ने बताया कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद बॉर्डर पर ही प्रवासियों को रोकने के लिए कवायद तेज कर दी गई है। इसके लिए कोटद्वार और लक्ष्मण झूला में 800-800 बेड का क्वारनटीन सेंटर बना दिया गया है। इस सेंटर में बाहर से आने वाले प्रवासियों को करीब 7 दिन रखा जाएगा। इसके बाद ही यह प्रवासी जिले में दाखिल हो पाएंगे।

उन्होंने बताया कि इसके साथ ही पौड़ी में केंद्रीय विद्यालय की पुरानी बिल्डिंग और मोक्ष रिज़ोर्ट को भी कांटेक्ट सेंटर के रूप में प्रयोग किया जा रहा है इन दोनों जगहों में भी लोगों को क्वारनटीन किया जा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि सबसे ज्यादा महाराष्ट्र से आने वाले प्रवासियों में इस संक्रमण की उपस्थिति ज्यादा देखी जा रही है जिसके तहत अब 7 दिन में अगर इन प्रवासियों में से किसी की तबीयत बिगड़ती है तो उसका कोरोना सैंपल लिया जाएगा।

हालांकि केंद्रीय विद्यालय की जिस नई बिल्डिंग में महाराष्ट्र से आने वाली इन प्रवासियों को रखा जा रहा है उसके नजदीक के गांव के लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि भारी पुलिस बल इस बिल्डिंग के बाहर तैनात होना चाहिए ताकि प्रवासी इस सेंटर से इधर-उधर ना घूम सके।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *