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सूरत | शमशान गृह में 24 घंटे जल रही चिताएं, पिघल रही भट्टियाँ

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लगातार 24 घंटे काम कर रहे शमशान गृह, लोग कर रहे 8 से 10 घंटे प्रतीक्षा।

सूरत | गुजरात भर में कोरोना से हाहाकार मचा हुआ है| खासकर अहमदाबाद के बाद सूरत में कोरोना का सबसे अधिक कहर है| अहमदाबाद में सोमवार को कोरोना के केसों की संख्या 2000 के करीब पहुंच गई, वहीं सूरत में 1400 से अधिक कोरोना के केस दर्ज हुए| अस्पताल में कोरोना संक्रमित मरीजों के पहुंचने का और सूरत स्मशान में शवों का पहुंचने का आलम ये है कि  24 घंटे चिताएं सुलग रही हैं और इसकी तपिश से भट्टियाँ तक पिघलने लगी हैं|

सूरत में मुख्य तीन शमशान गृह हैं, जिसमें रामनाथ घेला, अश्विनीकुमार और जहांगीरपुरा शमशान गृह शामिल है| इन तीनों शमशान गृहों में 24 घंटे शवों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है जिसकी वजह से शमशान गृह की भट्टियाँ पिघल गई हैं।

पिछले 8-10 दिनों से शमशान गृह में लगातार शवों के आने का सिलिसला जारी है। शव वाहिनी नहीं मिलने पर निजी वाहनों में शवों का शमशान गृह लाया जा रहा है, शवों के अग्नि संस्कार के लिए गैस की भट्ठियों का लगातार उपयोग हो रहा है आग की तपिश में भट्ठी की ग्रील तक पिघल गई है और यही आलम सभी शमशान गृह का है|

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सबसे अधिक शव रामनाथ घेला शमशान गृह में पहुंच रहे हैं| शमशान के प्रमुख के मुताबिक प्रति दिन 100 शवों को अंतिम संस्कार हो रहा है| जिसकी वजह से 24 घंटे गैस की भट्ठियां चलती हैं लगातार चलने की वजह से गैस की भट्ठियों पर लगे एंगल पिघल गए हैं| सूरत में स्थिति ऐसी हो गई है कि शमशान गृह लगातार 24 घंटे काम कर रहे हैं, इसके बावजूद लोगों को 8 से 10 घंटे प्रतीक्षा करनी पड़ती है। कई जगह तो लोग टोकन लेकर चले जाते हैं और जब बारी आती है, तब अग्नि संस्कार के लिए शमशान गृह आते हैं।

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