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प्रदेश सरकार की अनदेखी से एनएचएम कर्मचारी नाराज़

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कर्मचारियों का कहना है कि एनएचएम कर्मचारी लंबे समय से अपनी मांग को लेकर संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन प्रदेश सरकार लगातार कर्मचारियों की अनदेखी करती आ रही है।

पौड़ी: कोरोना महामारी से बचाव व रोकथाम की ड्यूटी में लगे एनएचएम कर्मचारियों ने प्रदेश सरकार पर अनदेखी का आरोप लगाया है। इन कर्मचारियों का कहना है कि एनएचएम कर्मचारी पिछले लंबे समय से अपनी मांग के समाधान को लेकर संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन प्रदेश सरकार लगातार कर्मचारियों की अनदेखी करती आ रही है।

राजीव रावत ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा मिलने वाले लाभ भी प्रदेश सरकार एनएचएम कर्मचारियों को नहीं दे रही है। उन्होंने एनएचएम कर्मचारी संगठन से जुड़े सभी कर्मचारियों को नियमित करने की मुख्यमंत्री से मांग की है।

संगठन से जुड़े मनीष भट्ट ने बताया वे 2017 में कर्मचारियों ने 19 दिनों तक आंदोलन किया। इस दौरान भाजपा नेताओं ने तत्कालीन प्रदेश सरकार पर कर्मचारियो की उपेक्षा का आरोप लगाया था। लेकिन सत्ता में आते ही यह एनएचएम कर्मचारियों को भूल गई है।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने वर्ष 2017 में एनएचएम कर्मचारियों को 15 फीसदी परफारमेंस बोनस दिया, लेकिन यह बोनस आज तक कर्मचारियों को नहीं मिला है। उन्होंने बताया कि कोरोना महामारी से बचाव व रोकथाम में लगातार एनएचएम कर्मचारी जुटे हुए हैं। लेकिन हमें कोरोना वॉरियर्स की श्रेणी में ही नहीं रखा गया है।

संगठन से जुड़ी निम्मी कुकरेती बताती है कि कोरोना सेवा में मिलने वाले प्रत्येक लाभ से कर्मचारियों को वंचित रखा गया है। एनएचएम कर्मचारी 2017 को शासन को भेजे नियमितिकरण प्रस्ताव के अनुरुप नियमितिकरण किए जाने,15 फीसदी परफरमेंस बोनस का लाभ दिए जाने और हरियाणा की तर्ज पर एनएचएम कर्मचारियों पर सेवा नियमावली लागू किए जाने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने सरकार से मांग की है कि कोरोना कि इस इस लड़ाई में जिस तरह से एनएचएम कर्मचारी दिन-रात एक करके लगे है,उसको देखते हुए उनकी जायज़ मांग को प्रदेश सरकार द्वारा जल्द मान लेना चाहिए।

इस मौके पर प्रदीप रावत, मनीष भट्ट, राजीव रावत, निम्मी कुकरेती, स्वेता गुसाई, दुर्गा नेगी, ममता बमराडा जैसे एनएचएम से जुड़े कर्मचारी मोजूद थे।