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मध्य वर्ग के लिए आ सकती है हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम

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कोरोना महामारी ने भारत के हेल्थ सेक्टर की बहुत सी खामियों को उजागर किया है।

दोगुना हो सकता है हेल्थ का बजट

नई दिल्ली । कोरोना महामारी ने भारत के हेल्थ सेक्टर की बहुत सी खामियों को उजागर किया है। इस दौरान बेड, डॉक्टर्स और मेडिकल इक्विपमेंट्स की कमी से जूझना पड़ा। इसलिए उम्मीद है कि इन खामियों को दूर करने के लिए सरकार हेल्थ बजट को दोगुना करेगी। इसके अलावा हेल्थ सेस बढ़ाने की भी चर्चा है। सबसे पहले देखते हैं कि बजट में आम लोगों के मतलब की कौन सी घोषणाएं हो सकती हैं। अभी कम कमाई वालों के स्वास्थ्य बीमा के लिए प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना चल रही है।

इसमें मध्य वर्ग को भी शामिल किया जा सकता है। ज्यादा से ज्यादा लोग हेल्थ इंश्योरेंस कराएं, इसके लिए सेक्शन 80सी के तहत छूट की सीमा बढ़ाई जा सकती है। अभी पति-पत्नी और बच्चों के लिए इसकी सीमा 25,000 रुपए है। माता-पिता अगर सीनियर सिटीजन हैं तो उनके लिए 50,000 रुपए तक की छूट है। स्वास्थ्य में स्किल डेवलपमेंट के लिए ज्यादा पैसा कोरोना के समय स्वास्थ्य कर्मियों की कमी भी देखने को मिली। इसे दूर करने के लिए अलग से बजट आवंटित किया जा सकता है। दवा, मेडिकल डिवाइस और हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर जीएसटी खत्म करने की भी मांग है। हेल्थ बजट दोगुना कर सकती है सरकार मौजूदा वित्त वर्ष में स्वास्थ्य बजट 67,484 करोड़ रुपए का था। इसे 1.2-1.3 लाख करोड़ रुपए किया जा सकता है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण हेल्थकेयर खर्च को जीडीपी के 4 फीसदी तक ले जाने के उद्देश्य से चार साल की योजना भी पेश कर सकती हैं। हेल्थ पर खर्च बढ़ाने के लिए हेल्थकेयर सेस बढ़ाया जा सकता है। अभी यह सेस इनकम टैक्स का 1 फीसदी है।