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बीजापुर हमला | नक्सलियों को नहीं बख्शेगी सरकार

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सरकार ने अपनाया सख्त रुख - बंदूक न छोड़ने वाले नक्सली कमांडर किसी भी सूरत में नहीं छोड़े जाएंगे।
नक्सलियों को नहीं बख्शेगी सरकार

नक्सलियों को नहीं बख्शेगी सरकारबीजापुर | छत्तीसगढ़ के बीजापुर में नक्सल हमले में जवानों की शहादत के बाद आक्रामक नक्सलरोधी कार्ययोजना (एक्शन प्लान) को अमल में लाया जाएगा।

कश्मीर के आतंकियो की तरह ही शीर्ष नक्सल कमांडरों की सूची तैयार कर उन्हें ढेर किया जाएगा। सरकार ने बेहद सख्त रुख अपनाते हुए तय किया है कि बंदूक न छोड़ने वाले नक्सली कमांडर किसी भी सूरत में नहीं छोड़े जाएंगे।

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सूत्रों ने कहा सुरक्षा बलों ने आपस मे शीर्ष कमांडरों की एक सूची साझा की है। नक्सल कमांडर हिड़मा इसमे सबसे ऊपर है। सुरक्षा बल बीजापुर की घटना का बदला लेने के लिए इसे जल्द से जल्द मौत के घाट उतारना चाहते हैं।

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सूत्रों ने बताया कि जिस तरीके से नक्सलियों ने सुरक्षाबलों पर हमला किया, उसके बाद नक्सलियों के खिलाफ एक बड़े अभियान का खाका तैयार हुआ है। इसके तहत एक समन्वित ऑपरेशन चलाया जाएगा, जिसकी कमान केंद्रीय सुरक्षा बलों के हाथ होगी और स्थानीय बल व विशेष दस्ते इसमे शामिल होंगे।

मोस्टवांटेड नक्सली कमांडर की लिस्ट के आधार पर जल्द ही बड़ा ऑपरेशन सुरक्षाबल शुरू करेंगे। पूरे अभियान को ऑपरेशन प्रहार-3 का नाम दिया गया है। उन नक्सलियों को भी निशाना बनाने की तैयारी है, जो युवाओं का ब्रेनवाश कर उनको नक्सल गतिविधियों में शामिल करने के लिए उकसाते हैं। शीर्ष नक्सल कमांडरों की सूची में पीएलजीए- 1 का सबसे बड़ा कमांडर हिड़मा शामिल है। जिसके बारे में सुरक्षा बलों को हाल ही में पता चला है कि वो सुकमा के जंगलों में छिपा है।

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हिड़मा के अलावा कमलेश उर्फ लछु, साकेत नुरेती, लालू दंडमी, मंगेसग गोंड, राम जी, सुखलाल, मलेश आदि नाम सूची में शामिल हैं। ये नक्सलियों की अलग-अलग कंपनियों के कमांडर हैं। सूत्रों ने कहा कि ऑपरेशन के दौरान सटीक लोकेशन की जानकारी और बैकअप के लिए ड्रोन और हेलीकॉप्टर की मदद लेने पर भी विचार चल रहा है। सुरक्षा बल से जुड़े सूत्रों की माने तो इस बार की गर्मियों में सुरक्षाबल नक्सलियों पर कहर बनकर टूटने वाले हैं।

घनघोर जंगलों में भी अभियान चलेगा। सुरक्षाबलों का नुकसान कम करने और ऑपरेशनल चूक को न दोहराने को लेकर भी एजेंसियो के बीच मंथन चल रहा है। एक अधिकारी ने कहा हम चूक का विश्लेषण करेंगे और सुधार करेंगे। विशेष प्रशिक्षित कमांडो दस्तों को ही नक्सलियों के कोर गढ़ में भेजा जाएगा।

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