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हृदय के मरीजों के लिए घातक है कोरोनावायरस का हर स्‍ट्रेन, बिना लक्षण वाले मरीजों को भी नुकसान

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हृदय रोगी या जिनके घर में इसकी हिस्ट्री हो वे बरतें खास सावधानी डा. प्रमिला गुप्ता की होम आइसोलेशन में मौत के बाद डाक्टर दे रहे एहतियात की हिदायत कोरोना संक्रमण के बाद कार्डियो मायोपैथी और एस्केमिक हार्ट डिजीज की बढ़ जाती आशंका

पटना|कोरोना का डेल्टा वैरिएंट हो या ओमिक्रोन, हृदय रोगियों या जिनके घर में हृदय रोग की हिस्ट्री हो, उनके लिए घातक हो सकता है। सामान्य लक्षण के कारण होम आइसोलेशन में रह रहीं वरिष्ठ स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डा. प्रमिला गुप्ता की अचानक मौत के बाद यह एक बार फिर चर्चा में है। डाक्टरों के अनुसार 90 प्रतिशत से ज्यादा आशंका इस बात की है कि कोरोना के कारण हुए हृदयाघात से उनकी मौत हुई होगी। वहीं कुछ विशेषज्ञों के अनुसार स्लीप एपनिया से पीड़ि‍त संक्रमितों में अचानक आक्सीजन स्तर घटने से भी मौत हो सकती है। ऐसे में डाक्टर हृदय रोगियों या जिनके घर में किसी को हृदय रोग हो, उन्हें खास सावधानी बरतने की हिदायत दी है।

इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान के उपनिदेशक डा. एके झा के अनुसार डेल्टा की तरह ओमिक्रोन वैरिएंट भी हृदय की रक्त धमनियों में थक्के जमाता है। यह लक्षण वैक्सीन नहीं लेने वालों में ज्यादा देखा जा रहा है। अमेरिका-ब्रिटेन के बाद मुंबई व दिल्ली के अस्पतालों में भी ऐसे संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ी है। इसके अलावा हृदय की मांसपेशियाों के कमजोर होने से खून पंप करने की क्षमता हो जाती है। कोरोना के गंभीर रोगी जिनमें अनियंत्रित हार्मोन स्रावित होता है, साइटोकिन स्टार्म की स्थिति उत्पन्न होने से हृदयाघात की आशंका होती है। इसके अलावा एंटीवायरल दवाओं से भी हृदय की कार्यक्षमता कम होती है।

लक्षण दिखे 7 प्रतिशत में, हृदय प्रभावित हुआ 50 प्रतिशत का

डा. एके झा ने बताया कि अमेरिका में सौ संक्रमितों की एमआरआइ कराकर कोरोना वायरस के हृदय पर पड़े दुष्प्रभाव को देखा गया। इसमें 50 प्रतिशत के हृदय में संक्रमण का दुष्प्रभाव देखा गया। वहीं, इनमें से सिर्फ 7 प्रतिशत ऐसे रोगी थे, जिनमें कोरोना के मध्यम लक्षण उभरे थे और उन्होंने डाक्टरों से परामर्श लिया था। ऐसे में ओमिक्रोन वायरस हृदय रोगियों के लिए घातक है और उन्हें अपनी नियमित दवाओं के साथ बीच-बीच में अपने डाक्टरों से परामर्श लेते रहना चाहिए। कुछ भी असहज महसूस होने पर तुरंत डाक्टर के पास जाकर कुछ जांच करा लेनी चाहिए।