Newz Studio

सरल और संक्षिप्त

चमोली आपदा | ग्लेशियर टूटने से मची भारी तबाही, कई लोग लापता

1 min read
देर शाम सीएम रावत ने कहा - अलकनंदा नदी के बहाव में कमी आई, हालात पर रखी जा रही है नजर।
चमोली

ख़ास बात 

  • राज्य के मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने जताई आपदा में 100 से 150 लोगों के मरने की आशंका
  • राहत और बचाव में उतरीं एनडीआरएफ, एसडीआरएफ के अलावा आईटीबीपी की टीमें मौके पर
  • देर शाम सीएम रावत ने कहा – अलकनंदा नदी के बहाव में कमी आई, हालात पर रखी जा रही है नजर

देहरादून | ग्लेशियर टूटने की वजह से उत्तराखंड के चमोली जिले में धौली गंगा, जोशीमठ नदी में अचानक आई बाढ़ ने रविवार को अनेक स्थानों पर भारी तबाही मचा दी है। इस हादसे में अब तक 12 लोगों की मौत हो गई है जबकि 150 से अधिक लोग लापता हैं। तपोवन क्षेत्र में ऋषिगंगा बिजली परियोजना को भारी बाढ़ से भारी नुकसान पहुंचा है। गंगा नदी के तट पर बसे जिलों को अलर्ट पर रखा गया है।

गंगा किनारे की जगहों को खाली करा लिया गया है और लोगों को सुरक्षित स्थान पहुंचाया जा रहा है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पीएसी फ्लड कंपनी के अलावा आईटीबीपी की दो टीमें मौके पर राहत औरबचाव कार्य में जुटी हुई हैं, जबकि एनडीआरएफ की छह और टीमें पहुंचने वाली हैं।

सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ट्वीट किया, भारी बारिश और अचानक पानी के कारण चमोली के रिनी गांव में ऋषिगंगा परियोजना को नुकसान पहुंचा है। नदी के किनारे बसे लोगों को इलाके से हटाया जा रहा है। उन्होंने दूसरे ट्वीट में लिखा एहतियातन भागीरथी नदी का फ्लो रोक दिया गया है।

अलकनन्दा का पानी का बहाव रोका जा सके इसलिए श्रीनगर डैम तथा ऋषिकेष डैम को खाली करवा दिया गया है। हर स्तर पर राहत और बचाव अभियान शुरू किया गया है। उन्होंने कहा कि लोग अफवाहें न फैलाएं।

गंगोत्री यमुनोत्री से लेकर निचले सभी ईलाकों में हुई भारी बर्फबारी

सीएम ने लोगों की सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर – 1070 और 9557444486 जारी किया है। देर शाम मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि हिमखंड के टूटने से अलकनंदा और इसकी सहायक नदियों में अचानक आई विकराल बाढ़ के बाद अब नदी के बहाव में कमी आ गई है, जो राहत की बात है। उन्होंने कहा कि हालात पर लगातार नजर रखी जा रही है। राज्य के मुख्य सचिव, आपदा सचिव, पुलिस अधिकारी एवं मेरी समस्त टीम आपदा कंट्रोल रूम में स्थिति पर लगातार नज़र रख रही है। इसबीच उत्तराखंड सरकार के मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने बयान जारी किया कि इस घटना में तकरीबन 100 से 150 लोगों के मारे जाने की आशंका है, लेकिन राहत की बात यह है कि अब नंदप्रयाग से आगे अलकनंदा नदी में बहाव सामान्य हो गया है।

पीएम मोदी तथा गृहमंत्री शाह की स्थिति पर नजर

इधर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया कि उत्तराखंड में दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति पर लगातार नजर है। इस आपदा की घड़ी में पूरा देश उत्तराखंड के साथ खड़ा है और देश वहां सभी की सुरक्षा के लिए प्रार्थना करता है। पीएम मोदी ने कहा कि राहत और बचाव के लिए सभी जरूरी तैयारियां की गई हैं। चमोली जिले में आई बाढ़ में ऋषि गंगा पावर प्रोजेक्ट पर काम करने वाले 100-150 लोग हताहत हुए हैं। गृहमंत्री अमित शाह ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के साथ ही उत्तराखंड के हालात का जायजा लेने के लिए आईटीबीपी के डीजी एसएस देसवाल, एनडीआरएफ के डीजी एसएन प्रधान और आपदा प्रबंधन अधिकारियों से भी बात की। यूपी रिलीफ कमिश्नर ने राज्य के सभी जिलाधिकारियों को एक नोटिस जारी कर आपदा अलर्ट जारी किया है।

राष्ट्रपति ने बाढ़ की स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त की

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उत्तराखंड के चमोली में हिमखंड टूटने के कारण अचानक आई बाढ़ की स्थिति पर रविवार को गहरी चिंता व्यक्त की और लोगों की सुरक्षा की कामना की। राष्ट्रपति भवन ने कोविंद के हवाले से ट्वीट किया, लोगों की सुरक्षा और कुशलता की कामना करता हूं। उन्होंने कहा, पूरा विश्वास है कि वहां राहत एवं बचाव कार्य अच्छे ढंग से चल रहा है।

चमोली आपदा पर चिराग पासवान ने जताई चिंता

चमोली में ग्लेशियर टूटने से हुई भारी तबाही को लेकर लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने गहरी चिंता व्यक्त की है। इसके साथ ही उन्होंने घटना में प्रभावित लोगों की कुशलता के लिए प्रार्थना की। चिराग ने ट्वीट कर लिखा, ग्लेशियर टूटने से हुई तबाही का समाचार अत्यंत चिंताजनक है। मैं ईश्वर से घटना में प्रभावित लोगों की कुशलता के लिए प्रार्थना करता हूं।

केंद्र सरकार हर प्रकार की सहायता सुनिश्चित करे: मायावती

उत्तराखंड की आपदा पर दुख प्रकट करते हुए बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने केंद्र सरकार से आपदा से निपटने में उत्तराखंड की हर प्रकार की सहायता तत्काल सुनिश्चित करने की मांग की है। बसपा अध्यक्ष ने ट्वीट कर केंद्र सरकार से कहा, चमोली जिले में हिमस्खलन के बाद निचले इलाकों में हुई भारी जान-माल की तबाही की खबर अति-दुःखद।