मेगास्टार रजनीकांत को मिलेगा दादा साहेब फाल्के पुरस्कार
1 min readनई दिल्ली | दक्षिण भारत के सुपरस्टार रजनीकांत को दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड 2019 से नवाजा जाएगा। केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने गुरुवार को इसका ऐलान किया। इसे तमिलनाडु चुनाव से जोड़कर देखे जाने के एक सवाल पर उन्होंने कहा कि रजनीकांत का फिल्म इंडस्ट्री के योगदान के लिए उन्हें यह सम्मान दिया जा रहा है। इसका चुनाव से कोई लेना-देना नहीं है।
दरअसल, तमिलनाडु में 6 अप्रैल को विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग होनी है। रजनीकांत को 51वां दादा साहब फाल्के अवॉर्ड 3 मई को दिया जाएगा।
प्रधानमंत्री ने दी थलाइवा को बधाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रजनीकांत को सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर कर बधाई दी है। उन्होंने लिखा, कई पीढिय़ों में लोकप्रिय, जबरदस्त काम जो कम ही लोग कर पाते हैं, विविध भूमिकाएं और एक प्यारा व्यक्तित्व …ऐसे हैं रजनीकांत जी। यह बेहद खुशी की बात है कि थलाइवा को दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया है, उन्हें बधाई।
Popular across generations, a body of work few can boast of, diverse roles and an endearing personality…that’s Shri @rajinikanth Ji for you.
It is a matter of immense joy that Thalaiva has been conferred with the Dadasaheb Phalke Award. Congratulations to him.
— Narendra Modi (@narendramodi) April 1, 2021
रजनीकांत ने 26 दिन में छोड़ दी थी राजनीति
रजनीकांत का राजनीति में आने का सपना अधूरा ही रह गया। 70 साल के रजनी ने खराब सेहत की वजह से चुनावी राजनीति में नहीं आने का फैसला किया है। 3 दिसंबर को रजनीकांत ने कहा था कि वे नई पार्टी बनाएंगे और 2021 का विधानसभा चुनाव भी लड़ेंगे। 31 दिसंबर को नई पार्टी का ऐलान किया जाएगा, लेकिन ऐसा हो ना सका और 26 दिन के अंदर ही उन्होंने राजनीति छोड़ दी।
My heartfelt thanks to the government of india, respected & dearest @narendramodi ji, @PrakashJavdekar ji and the jury for conferring upon me the prestigious #DadasahebPhalkeAward I sincerely dedicate it to all those who have been a part of my journey. Thanks to the almighty 🙏🏻
— Rajinikanth (@rajinikanth) April 1, 2021
चार साल की उम्र में मां का निधन हो गया था
12 दिसंबर 1950 को बेंगलुरु के एक मराठी परिवार में जन्मे रजनी का असली नाम शिवाजी राव गायकवाड़ है। जीजाबाई और रामोजी राव की चार संतानों में शिवाजी सबसे छोटे थे। उनकी स्कूलिंग बेंगलुरु में हुई। रजनीकांत चार साल के थे, तभी उनकी मां का निधन हो गया था। घर की माली हालत बहुत अच्छी नहीं थी। इसलिए रजनीकांत ने कुली से लेकर बस कंडक्टर तक का काम किया। बस में टिकट काटने के अनोखे अंदाज की वजह से ही वे पॉपुलर हुए और दोस्तों ने उन्हें फिल्मों में एक्टिंग करने की सलाह दी।
Immensely humbled and honoured with your greetings and the most prestigious #DadasahebPhalkeAward award respected and dearest Shri @narendramodi ji. My heartfelt thanks to you and the government of india 🙏🏻 https://t.co/XT9X6paSNT
— Rajinikanth (@rajinikanth) April 1, 2021
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