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यमुना पेयजल योजना से 40 सालों तक मसूरी में नही होगा पेयजल संकट

केंद्र सरकार द्वारा स्वीकृत 144 करोड़ की यमुना पेयजल येाजना के कार्य में तेजी

मसूरी | मसूरी को  पेयजल समस्या से निजात दिलाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा स्वीकृत 144 करोड़ की यमुना पेयजल येाजना का कार्य काफी तेजी से किया जा रहा है 1 मार्च 2020 को मसूरी विधायक गणेश जोशी द्वारा शिलान्यास किया गया था। पेयजल योजना पूरी होने के बाद मसूरी में आगामी चालीस सालों तक भी पानी की कोई समस्या नही रहेगी। योजना के तहत यमुना नदी से चार स्टेज में पंपिंग की जाएगी व 100किमी पेयजल लाइन का निर्माण किया जा रहा है तथा यह योजना वर्ष 2022 तक तैयार होनी है परन्तु कोरोना काल में लगे लाक डाउन के कारण पेयजल योजना कर कार्य रोक दिया गया था जिसको जनवरी माह से एक फिर शुरू कर दिया गया है वही पेयजल योजना के तहत डाली जानी वाली पेयजल लाइनों को डालने का कार्य तेजी से किया जा रहा है।

बता दे कि मसूरी में पर्यटक सीजन में पेयजल की भारी कमी होती है जिस कारण लोगो को भारी समस्याओं को सामना करना पडता है। मसूरी की जनसंख्या और पर्यटकों की आवाजाही के कारण मसूरी शहर में 14 एमएलडी पेयजल की जरूरत है परन्तु वर्तमान में मसूरी में 7 एमएलडी की पानी गढवाल जल संस्थान के पास उपलब्ध है । वही मसूरी में होटल और व्यावसायिक प्रतिष्ठान टैकरों के माध्यम से पानी की आपूर्ति को पूरी करते है। मसूरी में पेयजल की भारी किल्लत को देखते हुए वही पिछले दिनों शिमला जैसे पर्यटन स्थल में पानी की भारी कमी के कारण पर्यटकों की आवाजाही पर पूरी तरह से रोक लगाये जाने के बाद क्षेत्रीय विधायक गणेश जोशी द्वारा मसूरी में पेयजल की किल्लत का संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार के सहयोग से केन्द्र सरकार से करीब 144 करोड रूपये की मसूरी यमुना पेयजल योजना का स्वीकृत कराया गया जिससे मसूरी में आने वाले समय में पेयजल की किल्लत का सामना करना पड़ता है। योजना के तहत यमुना ब्रिज और खियोगार्ड गदेरा से शहर तक 17 किमी लंबी पेयजल लाइन डाली जाएगा। राधा भवन में 400 किलो लीटर का ओवरहेड टैंक बनाया जाएगा। जहां से शहर में पानी की सप्लाई की जाएगी। उम्मीद है कि योजना के बनने से शहर में पानी की समस्या काफी हद तक खत्म हो जाएगी।

पेयजल अधिशासी अभियंता सुभाष चंद्रा ने बताया कि 135 एलपीसीडी के तहत योजना को डिजाइन किया गया है जो यमुना नदी से होते हुए मसूरी के राधा भवन तक आएगी और इसकी कुल दूरी 17 किलोमीटर लंबी होगी. उन्होंने कहा कि योजना को पूरा करने में 2 साल का समय लगेगा।

पेयजल योजना के साईट इंजीनियर राहुल नेगी बताया कि पेयजल योजना के तहत लाइनों को डालने का कार्य तेजी से किया जा रहा है वह सडक से एक मीटर नीचे खोदा जा रहा है जिससे भविष्य में पेयजल लाइनें सुरक्षित रहे। उन्होने कहा कि सडक खोदते हुए कई जगहों पा हार्डराक आने से उसको जेसीबी की मदद से काटा जा रहा है वही पेयजल लाइनें टेस्ट करने के बाद सड़कों की मरमम्त की जायेगी जिससे की लोगो को किसी प्रकार की परेशानी ना हो। उन्होने कहा कि पेयजल लाइनो को डालते हुए सुरक्षा के मानकों का पूरा ध्यान रखा जा रहा है।