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उत्तराखंड में परिवहन कार्यालयों और चेकपोस्टों पर ठप हुआ कामकाज, बेमियादी हड़ताल से बढ़ी परेशानी

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परिवहन विभाग के मिनिस्टीरियल कर्मचारियों ने की पूरे राज्य में बेमियादी हड़ताल, कार्यालय व परिवहन चेकपोस्टों पर कामकाज ठप

 

देहरादून| परिवहन विभाग के मिनिस्टीरियल कर्मचारियों की पूरे राज्य में बेमियादी हड़ताल के चलते समस्त आरटीओ-एआरटीओ कार्यालय व परिवहन चेकपोस्टों पर मंगलवार सुबह से कामकाज ठप हो गया है। पदोन्नति से जुड़े शासनादेश में हुई गलती को लेकर कर्मचारी आक्रोशित चल रहे हैं। हड़ताल के कारण रोजाना शाम तक भीड़ से गुलजार रहने वाले देहरादून के आरटीओ कार्यालय में भी कर्मचारी परिसर में धरने पर बैठे रहे और आवेदकों को बैरंग लौटना पड़ा। हड़ताल पूर्व निर्धारित थी मगर इसके बावजूद सुबह कुछ लोग दफ्तर पहुंच गए। न ड्राइविंग लाइसेंस बने, न टैक्स जमा हुआ। वाहन फिटनेस समेत नए वाहनों का पंजीकरण भी ठप रहा।

आरटीओ कार्यालय में विभिन्न मदों में सरकार को रोजाना 40 से 50 लाख रुपये का राजस्व मिलता है। जबकि, प्रदेशभर के राजस्व पर गौर करें तो रोजाना लगभग चार करोड़ रुपये राजकीय खजाने में जमा कराए जाते हैं। ऐसे में यदि हड़ताल बेमियादी रूप से चलती रही तो सरकार को रोजाना इतनी चपत झेलनी पड़ेगी। मालूम हो कि विभाग में पदोन्नति न होने से नाराज मिनिस्टीरियल कर्मचारियों ने अगस्त में रोजाना दो घंटे का कार्य बहिष्कार कर आंदोलन शुरू किया था और एक व दो सितंबर को सूबे में हड़ताल की थी। उनकी सिर्फ एक सूत्री मांग है कि विभाग के नए ढांचे के संबंध में जारी किए गए शासनादेश की त्रुटि दूर की जाए।

त्रुटि के कारण सवा साल से मिनिस्टीरियल कैडर की पदोन्नति रुकी हुई है। परिवहन विभाग मिनिस्टीरियल कर्मचारी महासंघ के प्रांतीय उपाध्यक्ष संजीव मिश्रा ने कहा कि महासंघ वेतन या भत्तों को लेकर मांग नहीं कर रहा है, जो सरकार इसमें हठधर्मिता दिखा रही। सरकार ने शासनादेश की त्रुटि जल्द दुरुस्त नहीं की तो मिनिस्टीरियल कर्मचारी हड़ताल समाप्त नहीं करेंगे। हड़ताली कर्मचारियों ने आरटीओ परिसर में धरना देकर सरकार के विरुद्ध नारेबाजी भी की। दोपहर में राज्य में सभी परिवहन चेकपोस्टों पर भी काम ठप कर दिया गया। हड़ताल में महामंत्री यशवीर सिंह बिष्ट, कोषाध्यक्ष दौलत पांडे, संगठन मंत्री गढ़वाल विनोद चमोली, शाखा अध्यक्ष देहरादून बृज मोहन, देवेंद्र सिंह रावत समेत मुकुल ममगाईं आदि शामिल रहे।