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युवा कोरोना रोगियों पर दोबारा अटैक कर रहा वायरस

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शोध के अनुसार भारत में दोबारा संक्रमण के सबसे ज्यादा 79 फीसदी मामले 20-40 आयु वर्ग के लोगों में देखे गए हैं।
कोरोना

कोरोनानई दिल्ली | कोरोना को लेकर अक्सर यह कहा जाता रहा है कि यह सबसे अधिक बुजुर्गों को टारगेट करता है। मगर एक नए अध्ययन से यह बात सामने आई है कि युवा कोरोना रोगियों में दोबारा संक्रमण के मामले अधिक हैं।

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) एवं जॉन हापकिंग्स विश्वविद्यालय ने एक शोध में पाया है कि भारत में कोरोना रोगियों में दोबारा संक्रमण के सबसे ज्यादा 79 फीसदी मामले 20-40 आयु वर्ग के लोगों में देखे गए हैं।

माना जा रहा है कि इस आयु वर्ग के लोगों की ज्यादा सक्रियता इसकी प्रमुख वजह हो सकती है। एपिडेमोलॉजी एंड इंफेक्शन जर्नल में शीघ्र प्रकाशित हो रहे इस शोध के अनुसार, यह अध्ययन पिछले साल 22 जनवरी से 7 अक्तूबर के बीच किया गया। इसमें कोरोना संक्रमण से प्रभावित 1300 लोगों को अध्ययन में शामिल किया गया। यह पाया गया है कि इनमें से 4.5 फीसदी यानी 58 लोगों को 102 दिनों की अवधि के बाद दोबारा कोरोना संक्रमण का सामना करना पड़ा।

हालांकि नमूनों का यह आकार बहुत छोटा है क्योंकि जिन 1300 मरीजों का चयन किया गया, वह उस समय करीब सात लाख कोरोना संक्रमितों का करीब 1.4 फीसदी के करीब बैठता है। इस अध्ययन में यह पाया गया कि 76.3 फीसदी दोबारा संक्रमण पुरुषों में पाए गए हैं। 78.98 फीसदी मामलों में उम्र 20-40 साल के बीच पाई गई। दोबारा संक्रमित होने वालों में एक बड़ा हिस्सा करीब 31.6 फीसदी स्वास्थ्य कार्मिक थे। बाकी सामान्य लोग थे।

ज्यादातर लोगों में कोरोना के लक्षण नहीं पाए गए। सिर्फ 12 फीसदी में ही लक्षण दिखाई दिए। इस अध्ययन के आधार पर आईसीएमआर ने नतीजा निकाला है कि दोबारा संक्रमण के मामले बेहद कम हैं और कोरोना व्यवहार का पालन करके इससे बचा जा सकता है। बता दें कि भारत में कोरोना की दूसरी लहर काफी तेज हो चली है और अब रोजाना मिलने वाले नए केसों ने भी डराना शुरू कर दिया है।

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