उत्तरकाशी । जिले में यमुनोत्री राजमार्ग पर हुई सड़क दुर्घटना पर इंटरनेशनल रोड फेडरेशन ने चिंता व्यक्त की है। इस तरह की सड़क दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए फेडरेशन ने सड़क सुरक्षा के लिए तकनीकी पहलुओं पर काम करने के साथ नियमों को सख्त करने के सुझाव दिए हैं।
इंटरनेशनल रोड फेडरेशन के अध्यक्ष केके कपिल ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में वाहन चलाने के लिए लाइसेंस नियमों को सख्त किया जाए। साथ ही ओवरलोडिंग पर लगाम कसने के साथ फिटनेस नियमों को भी कड़ा किया जाए। वाहनों में अनिवार्य रूप से ट्रैकिंग सिस्टम भी लगाया जाना चाहिए। वहीं, फेडरेशन के इंडिया चैप्टर के अध्यक्ष सतीश परख ने कहा कि सड़क निर्माण के दौरान सुरक्षा के लिहाज से तकनीकी पहलुओं पर भी काफी काम करने की जरूरत है। इसके अलावा उन्होने यह सुझाव भी दिए कि सड़क किनारे रिफ्लेक्टर टेप लगाए जाएं।
- वाहनों को उच्च दृश्यता फीचर से लैस किया जाए।
- वाहनों में एबीएस ब्रेक सिस्टम हो व फाग लैंप की अनिवार्यता की जाए।
इंटरनेशनल रोड फेडरेशन के इंडिया चैप्टर के सीईओ बिजु मुथु ने कहा कि विश्व में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में मौत के मामलों में भारत का आंकड़ा 11 प्रतिशत है। वर्ष 2020 में भारत में सड़क दुर्घटनाओं में 1.4 लाख व्यक्तियों की मौत दर्ज की गई है और यह संख्या चिंता की तरफ इशारा करती है। इस स्थिति को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र ने भारत समेत ब्राजील को वर्ष 2025 तक मौत के आंकड़ों को आधा करने का लक्ष्य दिया है।