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अपनी मांगों के लिए संघर्ष कर रहे राज्य आंदोलनकारी लड़ेंगे हक़ की लड़ाई

20 साल का वक्त गुजर जाने के बावजूद भी अब तक उनकी मांगे पूरी नहीं हो पाई हैं।

 

देहरादून | उत्तराखंड में राज्य आंदोलनकारी एक लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। वर्ष 2000 मे जब उत्तराखंड अलग राज्य बना था तभी से उत्तराखंड आंदोलनकारी अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन 20 साल का वक्त गुजर जाने के बावजूद भी अब तक उनकी मांगे पूरी नहीं हो पाई हैं।

उत्तराखंड आंदोलनकारियों की मांग है की जो लोग उत्तराखंड आंदोलन में शामिल रहे हैं उनको सम्मान मिलना चाहिए। इतना ही नहीं राज्य में उत्तराखंड के लोगों को ही नौकरी दी जानी चाहिए इसके अलावा आंदोलनकारियों की चिन्हीकरण की जो प्रक्रिया है उसको पूरा कर जो आंदोलनकारियों का हक है वह उन्हें दिया जाना चाहिए।

इन आन्दोलनकारियों का कहना है कि अपने इस हक़ की लड़ाई लड़ते हुए उन्हें एक लम्बा वक़्त बीच चुका है और कई बार सरकारें बदल चुकी हैं। लेकिन उसके बावजूद भी आज तक इन आंदोलनकारियों को उनका हक नहीं मिल पाया है। अब एक बार फिर आंदोलनकारी अपनी मांगों को लेकर रणनीति बना रहे हैं। इसके लिए देहरादून शहीद स्मारक पर आंदोलनकारियों ने एक अहम बैठक बुलाई और अपनी आगे की लड़ाई कैसे लड़ेंगे इसकी रणनीति तैयार की है।