आज थाम सकते हैं हरक सिंह कांग्रेस का हाथ, मिस इंडिया ग्रैंड इंटरनेशनल अनुकृति भी होंगी शामिल
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देहरादून| भाजपा से निष्कासित हरक सिंह रावत आज दिल्ली में कुछ विधायकों के साथ कांग्रेस का हाथ थाम सकते हैं। उनकी बहू अनुकृति गुसाईं भी कांग्रेस में शामिल होंगी, लेकिन हरक सिंह रावत की मनमुताबिक तरीके से वापसी की राह में मुश्किलें भी खड़ी हैं।
हरक सिंह रावत ने श्रीनगर गढ़वाल विश्वविद्यालय की छात्र राजनीति से अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत की। उन्होंने भाजपा और उसके आनुषांगिक संगठनों में कार्य किया। वर्ष 1984 में पहली बार वह भाजपा के टिकट पर पौड़ी सीट से चुनाव लड़े, लेकिन सफलता नहीं मिल पाई। इसके बाद वर्ष 1991 में उन्होंने पौड़ी सीट पर जीत दर्ज की और तब उत्तर प्रदेश की तत्कालीन भाजपा सरकार में उन्हें पर्यटन राज्यमंत्री बनाया गया। उस समय वे सबसे कम आयु के मंत्रियों में शामिल थे।
हरक को वर्ष 1993 में भाजपा ने एक बार फिर पौड़ी सीट से अवसर दिया और वे फिर से जीत दर्ज कर विधानसभा में पहुंचे। वर्ष 1998 में टिकट न मिलने से नाराज हुए हरक ने भाजपा का साथ छोड़ते हुए बसपा की सदस्यता ग्रहण की। तब उन्होंने रुद्रप्रयाग जिले के गठन समेत अन्य कार्यों से छाप छोड़ी, लेकिन बाद में वह कांग्रेस में शामिल हो गए।
भाजपा से क्यों हुए निष्कासित-
दरअसल, शनिवार को दावेदारों के पैनल के सिलसिले में दिल्ली में हुई पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व की बैठक में हरक सिंह रावत को पार्टी से छह साल के लिए निकाला दिया गया था। बताया गया कि हरक परिवार के लिए तीन टिकट मांग रहे थे, जिसे केंद्रीय नेतृत्व ने खारिज कर उन्हें बाहर का रास्ता दिखाना बेहतर समझा।