Newz Studio

सरल और संक्षिप्त

तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली अन्तिम रात्रि प्रवास के लिए पहुंची भनकुण्ड

ऊखीमठ: तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली अन्तिम रात्रि प्रवास के लिए भनकुण्ड पहुंच गयी है! बुधवार को भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली भनकुण्ड से रवाना होगी तथा अपने शीतकालीन गद्दी स्थल मक्कूमठ में विराजमान होगी तथा 10 नवम्बर से भगवान तुंगनाथ की शीतकालीन पूजा विधि – विधान से शुरू होगी।

चन्द्र ग्रहण का सूतक होने के कारण भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली चोपता से निर्धारित समय से पहले रवाना हुई तथा दोपहर तीन बजे अन्तिम रात्रि प्रवास के लिए भनकुण्ड पहुंचीं तथा चन्द्र ग्रहण होने के कारण सायंकालीन पूजाओ पर विराम रहा! मंगलवार को ब्रह्म बेला पर विद्वान आचार्यों ने पंचाग पूजन के तहत अनेक पूजाये सम्पन्न कर भगवान तुंगनाथ सहित सभी देवी – देवताओं का आवाहन किया तथा ठीक सात बजे प्रातः भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली भनकुण्ड के लिए रवाना हुई तथा भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली के दुगलविट्टा पहुंचने पर लोक निर्माण विभाग ऊखीमठ के नेतृत्व में ए पी जुयाल, अमनदीप राणा, अनुज भारद्वाज, मुकेश सैनी, अजय पंवार व सुमन राणा द्वारा भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली का पुष्प, अक्षत्रो से भव्य स्वागत कर भण्डारे का आयोजन किया गया।

भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली के मक्कू बैण्ड, हूण्हू व बनालोली पहुंचने पर ग्रामीणों व भक्तों द्वारा लाल – पीले वस्त्र अर्पित कर मनौती मांगी तथा अनेक प्रकार की पूजा सामाग्रियो से अर्ध्य लगाकर क्षेत्र के खुशहाली की कामना की।

जानकारी देते हुए मठापति राम प्रसाद मैठाणी ने बताया कि मंगलवार को चन्द्र ग्रहण का सूतक शूरू होने से पूर्व भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली चोपता से रवाना हो गयी थी तथा दोपहर तीन बजे डोली अन्तिम रात्रि प्रवास के लिए भनकुण्ड पहुंच गयी थी! उन्होंने बताया कि चन्द्र ग्रहण होने के कारण भनकुण्ड में सायंकालीन होने वाली पूजाओ पर विश्राम रहेगा तथा बुधवार को भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली सहित साथ चल रहे अनेक देवी – देवताओं के निशाणो का शुद्धिकरण करने के बाद अन्य पूजाये शुरू होगी तथा लगभग 10 बजे सुबह भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली शीतकालीन गद्दी स्थल मक्कूमठ के लिए रवाना होगी।

इस मौके केदारनाथ धाम के प्रधान पुजारी टी गंगाधर लिंग, शिव लिंग, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष चण्डी प्रसाद भटट्, व्यापार संघ अध्यक्ष चोपता भूपेन्द्र मैठाणी, प्रबन्धक कालीमठ प्रकाश पुरोहित, प्रबंधक तुंगनाथ धाम बलवीर सिंह नेगी, कैलाश बगवाडी, , चन्द्र मोहन बजवाल, रवीन्द्र मैठाणी, अतुल मैठाणी, विनोद मैठाणी, चन्द्र प्रकाश मैठाणी, गीता राम मैठाणी, मुकेश मैठाणी, जय कृष्ण मैठाणी, क्षेत्र पंचायत सदस्य उषा भटट्, जयवीर सिंह नेगी, सतीश मैठाणी, मोहन प्रसाद मैठाणी, देवानन्द गैरोला, मगनानन्द भटट्, जसवीर बजवाल, देवेन्द्र बजवाल, दिनेश बजवाल सहित मन्दिर समिति के अधिकारी, कर्मचारी, हक – हकूकधारी सहित सैकड़ों श्रद्धालु मौजूद थे