तेजस लड़ाकू विमानों से और बढ़ेगी भारतीय वायुसेना की ताकत
नई दिल्ली। केंद्र सरकार वायुसेना के लिए सरकारी कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटिड से 83 तेजस हल्के लड़ाकू विमान खरीदने का सौदा आज यानी बुधवार को करेगी। यह सौदा 48000 करोड़ रुपये का होगा। अधिकारियों ने बताया कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वायुसेना के शीर्ष अधिकारी और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटिड एचएएल के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में बेंगलुरु के एयरो इंडिया एयर शो के दौरान अनुबंध पर हस्ताक्षर होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली सुरक्षा मामलों पर मंत्रिमंडल की समिति सीसीएस ने घरेलू रक्षा खरीद के तहत करीब 48,000 करोड़ रुपये की लागत से 83 तेजस विमान खरीदने को 13 जनवरी को मंजूरी प्रदान की थी। इसके तहत 73 हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) तेजस एमके-1ए विमान और 10 तेजस एमके-1 प्रशिक्षण विमान शामिल हैं। तेजस एमके-1ए विमान में खास तरह के एईएसए रडार, मिसाइल, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध तकनीक (ईडब्ल्यू) और हवा में ईंधन भरने की क्षमता (एएआर) से लैस है।
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एचएएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक आर. माधवन ने पिछले महीने कहा था कि वायुसेना को तेजस हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) की आपूर्ति मार्च 2024 से शुरू हो जाएगी और कुल 83 विमानों की आपूर्ति होने तक हर वर्ष करीब 16 विमानों की आपूर्ति की जाएगी। एचएएल के अध्यक्ष माधवन ने कहा कि साढ़े चार पीढ़ी के एक लड़ाकू तेजस विमान की कीमत 309 करोड़ रुपये होगी, जबकि इसके प्रशिक्षण देने वाले संस्करण की कीमत 280 करोड़ रुपये होगी। माधवन ने कहा कि सभी 83 तेजस विमानों का आधार मूल्य 25 हजार करोड़ होगा, जबकि 11 हजार करोड़ रुपये ग्राउंड सपार्ट और आधारभूत ढांचे पर खर्च होंगे। जीएसटी और सीमा शुल्क सात हजार करोड़ होगा। इसके अलावा ढाई हजार करोड़ रुपये डिजाइन और विकास करने वाले एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए) को दिए जाएंगे।
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