Newz Studio

सरल और संक्षिप्त

सुप्रीम कोर्ट ने बढ़ाई अर्नब गोस्वामी की अंतरिम ज़मानत, पढ़ें क्या कहा पीठ ने

1 min read
क्या कहा न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ ने, पढ़ें यहाँ।

नई दिल्ली | दो साल पुराने आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में टीवी पत्रकार अर्नब गोस्वामी और दो अन्य को दी गई अंतरिम जमानत तब तक जारी रहेगी जब तक बंबई उच्च न्यायालय याचिका का निपटारा नहीं कर देता। यह राहत देश की सर्वोच्च अदालत ने शुक्रवार देते हुए कहा कि न्यायपालिका को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आपराधिक कानून नागरिकों का चुनिंदा तरीके से उत्पीड़न करने के लिए हथियार ना बनें।

सुप्रीम कोर्ट ने अर्नब को 11 नवंबर को अंतरिम जमानत दी थी। न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ ने इस मामले में टीवी पत्रकार और दो अन्य को राहत देने के कारणों पर प्रकाश डाला। पीठ ने कहा कि आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में दायर याचिका पर बंबई उच्च न्यायालय के फैसला करने के दिन से चार सप्ताह बाद तक पत्रकार अर्नब गोस्वामी की अंतरिम जमानत कायम रहेगी।

पीठ ने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट, निचली अदालतों को राज्य द्वारा आपराधिक कानून के दुरुपयोग के प्रति सतर्क रहना चाहिए। उन्हें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आपराधिक कानून नागरिकों को चुनिंदा तरीके से उत्पीड़ित करने का हथियार ना बनें।

पीठ ने कहा, ‘उन नागरिकों के लिए इस अदालत के दरवाजें बंद नहीं किए जा सकते, जिन्होंने प्रथम दृष्टया यह दिखाया है कि राज्य ने अपनी शक्ति का दुरुपयोग किया।’ साथ ही कहा कि एक दिन के लिए भी किसी की व्यक्तिगत स्वतंत्रता छीनना गलत है। उच्चतम न्यायालय ने इस मामले में दो आरोपियों एन सारदा और फिरोज मोहम्मद शेख को 50-50 हजार रुपए के निजी मुचलके पर अंतरिम जमानत दी और उन्हें सबूतों से छेड़छाड़ नहीं करने और जांच में सहयोग करने के निर्देश दिए।

[epic_block_21 header_icon=”fa-angle-double-right” first_title=”ख़बर उत्तराखंड से” number_post=”8″ include_category=”391″]