सॉफ्टवेर इंजिनियर कर रहा मुर्गी पालन, युवाओं के लिए बना प्रेरणा
पौड़ी: एक अच्छी नौकरी की चाहत में हर युवा एक अच्छे प्रोफेशनल कोर्स की दौड़ में शामिल हो जाता है। लेकिन प्रोफेशनल कोर्सेज के बाद भी नौकरी – कोई गारंटी नहीं। पहाड़ के युवा का नौकरी को लेकर दर्द किस से छिपा है। पलायन की पीड़ा पहाड़ के सीने में अब भी दबी है।
लेकिन हम मानते हैं कि पढ़ाई आप को बहुत कुछ सिखाती है, पर ज़िन्दगी के तजुर्बे एक अलग ही चमक लाते हैं आपके व्यक्तित्व में। जनपद पौड़ी के डांग गांव में रहने वाले अनुज बिष्ट पेशे से एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। अनुज अब से 3 साल पहले नौकरी छोड़कर अपने गांव वापस आ गए थे।
हाल ही में प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने अनुज की सराहना अपने ट्विटर हैंडल पर की। जानते हैं क्या है अनुज के बारे में ख़ास…
कल्जीखाल के डाँग गांव में स्थित अनुज बिष्ट के इस पोल्ट्रीफार्म में मुर्ग़े की बाँग साफ़ साफ़ सुनी जा सकती है। मुझे विश्वास है कि अनुज के ये सफल प्रयास प्रदेश के अन्य युवाओँ को भी जागृत कर कुछ नया करने को प्रेरित करेंगे #स्वरोज़गार_के_प्रेरणास्त्रोत pic.twitter.com/1EpFfo3npj
— Trivendra Singh Rawat ( मोदी का परिवार) (@tsrawatbjp) June 11, 2020
अनुज ने एक सॉफ्टवेर इंजिनियर होने के बावजूद मुर्गी पालन के क्षेत्र में कदम रखा और आज पहाड़ के युवाओं के लिए एक प्रेरणास्रोत हैं। मुर्गी पालन के शुरुआत करने के बाद आज उन्हें 60 से 70 हजार प्रतिमाह की आदमी हो जाती है।
वहीं विभिन्न स्थानों से लोग उनके पास है मुर्गी पालन की जानकारी लेने पहुंच रहे हैं और अनुज अपने अनुभव इन लोगों के साथ सांझा भी कर रहे हैं।
जिला पंचायत सदस्य गौरव रावत ने बताया कि उनके क्षेत्र में पहले से ही कृषि में कार्य हो रहा है और अब अनुज की ओर से जिस तरह से बेहतर स्तर पर मुर्गी पालन का जो कार्य किया जा रहा है ये उनके क्षेत्र के लिए गौरव की बात है। उन्होंने उम्मीद जताई है कि क्षेत्र के युवा इस कार्य से प्रेरित होकर स्वरोजगार करेंगे।
उनका कहना है जिस तरह से पहाड़ का युवा आज नौकरी के लिए शहरों की तरफ भाग रहा है यदि अपने घर, अपने गाँव में ही रहकर सरकार की योजनाओं का सही प्रयोग कर पूरी मेहनत से कार्य करता है तो उन्हें उम्मीद है कि अनुज की तरह प्रत्येक युवा घर पर ही अच्छी आमदनी कमा सकता है।