हरिद्वार धर्म संसद प्रकरण मामले में सरकार और सिस्टम में खामोशी
देहरादून| धर्मसंसद का आयोजन खड़खड़ी स्थित स्थित वेद निकेतन में 17 से 19 दिसंबर तक हुआ था। इसमें नफरती भाषण देने का वीडियो वायरल होने के बाद नगर कोतवाली में ज्वालापुर निवासी गुलबहार खां ने शिया वक्फ बोर्ड, यूपी के पूर्व चेयरमैन जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिजवी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। बाद में मुकदमे में चार संतों के नाम भी जोड़े गए।
साथ ही एक और मुकदमा दर्ज किया गया। इसके बाद एसआईटी का गठन किया गया। एसआईटी टीम का नेतृत्व कर रहीं एसपी देहात देहरादून कमलेश उपाध्याय मंगलवार को हरिद्वार पहुंचीं। उन्होंने एसआईटी के सदस्यों के साथ बैठक कर मामले में कार्रवाई की रणनीति बनाई। बुधवार को एसआईटी एक्शन मोड में दिखी। विवेचक मनीष उपाध्याय ने कई गवाहों के बयान दर्ज किए।
साथ ही धर्म संसद की वायरल वीडियो क्लिप भी एकत्र की गई। माना जा रहा है कि आरोपियों के खिलाफ एसआईटी कोर्ट में जल्द ही आरोप पत्र दाखिल करेगी। साथ ही चार्जशीट की तैयारी भी शुरू कर दी है।
धर्म संसद से नफरती मानसिकता वाले परेशान : आनंद स्वरूप
धर्म संसद के संयोजक एवं शांभवी पीठाधीश्वर स्वामी आनंद स्वरूप ने कहा कि धर्म संसद की बढ़ती लोक प्रसिद्धि से देश में जिहादी मानसिकता वाले लोग परेशान हैं। वे धर्म संसद रोकने का हरसंभव प्रयास कर रहे हैं। इसके लिए कुचक्र रच रहे हैं। हिंदू विरोधी मानसिकता वाले लोग हिंदू समाज को बदनाम करने का प्रयास कर रहे हैं। स्वामी आनंद स्वरूप ने कहा कि आगामी धर्म संसदों का आयोजन अलीगढ़, कुरुक्षेत्र और हिमाचल प्रदेश में होना है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं वकील कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में धर्म संसदों पर रोक लगाने के लिए याचिका दायर की थी। आनंद स्वरूप ने दावा किया कि कोर्ट ने रोक लगाने से मना कर दिया है। उन्होंने कहा कि कपिल सिब्बल हिंदू विरोधी ताकतों के साथ खड़े रहते हैं। भगवान राम के अस्तित्व पर सवाल उठा चुके हैं। सिब्बल के पीछे कौन लोग हैं, इसकी भी जांच होनी चाहिए।