ग्राम प्रधान पर लगे गंभीर आरोप
भगवानपुर | भगवानपुर ब्लॉक के ग्राम फतेहपुर झिडियान ग्रंट के पूर्व उपप्रधान ने ग्राम प्रधान पर उनके फर्जी हस्ताक्षर कर प्रस्तावों को पास करने के गंभीर आरोप लगाए हैं साथ ही साथ अन्य ग्रामीणों ने भी ग्राम में विकास कार्य न करवाएं जाने व अन्य मुद्दों को लेकर ग्राम प्रधान के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
आपको बता दें कि भगवानपुर ब्लॉक के गांव फतेहपुर झिड़ीयांनग्रंट के ग्रामीणों ने ग्राम प्रधान पर गाँव में साफ़ सफाई न कराने और विकास कार्य न कराने का आरोप लगाया है। इतना ही नहीं ग्रामीणों का ये भी आरोप है की गाँव में कूड़े को इकठ्ठा करने के लिए सरकार द्वारा दी गई ई- रिक्शा को ग्राम प्रधान द्वारा आज तक घर से बाहर नहीं निकाला गया है। ऐसी ही कई शिकायतों को लेकर कई ग्रामीणों में ग्रामप्रधान के खिलाफ काफी आक्रोश देखने को मिल रहा है।
परेशान होकर ग्रामीणों ने अब मीडिया का सहारा लिया है और पूरे मामले से उच्चाधिकारियों को अवगत कराया है। बीते 5 साल के विकास कार्यों को लेकर ग्राम प्रधान पर ग्रामीणों ने गंभीर आरोप लगाते हुए गांव में विकास कार्य नहीं कराने के आरोप भी लगाए है। तस्वीरों में आप साफ तौर पर देख सकते हैं कि गाँव की सड़कों की स्थिति इतनी खराब है कि ग्रामीणों का इन रास्तों से गुजरना भी मुश्किल हो गया है जिसको लेकर वह बार-बार ग्राम प्रधान को रास्तों को ठीक कराने के बारे में अवगत कराते रहें है वही ग्राम प्रधान द्वारा बार-बार एक ही आश्वासन दिया गया कि बहुत जल्द रास्ते ठीक करा दिए जाएंगे लेकिन इन रास्तों की स्थिति इतनी खराब है कि ग्रामीणों का इन पर चलना भी खतरे से खाली नहीं है।
वहीं कुछ ग्रामीणों का आरोप है की सभी गाँव में शौचालय बनाये गए है लेकिन उनके गाँव में ग्राम प्रधान ने ग्रामीणों से कागजात तो ले लिए है लेकिन शौचालय नहीं बनाये गए हैं। साथ ही गाँव के पूर्व उपप्रधान ने ग्राम प्रधान पर उनके फर्जी हस्ताक्षर करने के भी आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि ग्राम प्रधान ने उन्हें एक समिति का सदस्य बनाया था जिसमें उनके हस्ताक्षर लिए गए थे जिसके बाद अन्य सभी प्रस्तावों पर उनके फर्जी हस्ताक्षर कर प्रस्ताव पास कर दिए गए हैं।
वहीं कुछ ग्रामीणों ने ग्राम प्रधान पद मनरेगा में कार्य कराने के बाद मजबूरी ना देने की भी आरोप लगाए हैं साथ ही साथ उच्चाधिकारियों से जाँच की माँग भी की है। वहीं इस पूरे मामले पर तहसीलदार रेखा आर्य का कहना है कि यह मामला अब उनके संज्ञान में आया है। संबंधित अधिकारी को इसके विषय में जांच करने के आदेश दिए जाएंगे। उसके बाद आगे की कार्यवाही की जाएगी