December 3, 2024

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महाकुम्भ ’21 | तमाम तैयारियों के बीच साधु-संतों में उत्साह

कोरोना महामारी को देखते हुए क्या होगा कुंभ का स्वरूप?

 

हरिद्वार | कोरोना महामारी को देखते हुए क्या होगा कुंभ का स्वरूप? साधु-संतों ने भक्तों और साधुओं से की अपील – सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क का कुंभ में किया जाए पूरा प्रयोग।

आगामी 2021 कुंभ मेले को लेकर राज्य सरकार और मेला प्रशासन तमाम तैयारियां कर रहा है। कुम्भ को कैसे भव्य और सुंदर बनाया जाए इसको लेकर भी कार्य चल रहा है। कोरोना महामारी की वजह से कुंभ का स्वरूप क्या होगा इसका तो आने वाले वक्त में ही पता चल सकेगा पर कुंभ मेले को लेकर साधु-संतों में काफी उत्साह देखने को मिल रहा है।

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साधु-संत सरकार और मेला प्रशासन द्वारा किए जा रहे कार्यों से भी अब संतुष्ट नजर आ रहे हैं और साथ ही कोरोना महामारी की वजह से कुंभ मेले को सूक्ष्म रूप से किया जाए या भव्य रूप से किया जाए इसको लेकर भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुसार कार्य करने की बात कह रहे हैं। साथ ही साधु-संतों ने भक्तों और अखाड़ों के संतों से अपील भी की है कि कोरोना महामारी को देखते हुए सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क का प्रयोग किया जाए।

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कुंभ मेले को लेकर साधु-संतों में काफी उत्साह देखने को मिल रहा है क्योंकि कुंभ भारतीय परंपरा से जुड़ा हुआ है और कुंभ मेले में भारतीय संस्कृति भी देखने को मिलती है। कुंभ मेला कोरोना महामारी की वजह से भव्य स्वरूप में हो पाएगा या नहीं यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा पर साधु-संत कुंभ मेले को लेकर काफी आश्वस्त नजर आ रहे हैं, जूना अखाड़े के उपाध्यक्ष श्री देवेंद्र पुरी महाराज का कहना है कि कुंभ कार्य अब सही गति से चल रहे हैं, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री द्वारा सभी साधु-संतों को अवगत कराया गया है कि कोरोना महामारी को देखते हुए जैसी भी स्थिति होगी उसको देखते हुए व्यवस्था की जाएगी।

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अखाड़ों और साधु-संतों का मनोबल बना हुआ है कि प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार कुंभ मेले को अच्छे तरीके से सम्पन्न कराएगी। उनका कहना है कि अगर कोरोना महामारी का प्रकोप बढ़ता है तो सूक्ष्म रुप से भी कुंभ मेले को किया जा सकता है। जिस तरह से सरकार की गाइडलाइन होगी उसके अनुसार साधु-संत कार्य करेंगे। साधु-संत भक्तों और अखाड़ों में रहने वाले संतों से भी अपील कर रहे हैं कि कुंभ मेले में सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क का प्रयोग भी किया जाए, ज्यादा भीड़-भाड़ ना की जाए और बुजुर्ग लोग अपने घरों में ही रहे।

उत्तराखंड में एक बार फिर से कोरोना का प्रकोप बढ़ रहा है और उत्तराखंड सरकार भी आने वाले वक्त में कोरोना की क्या स्थिति रहती है उसको देखते हुए कुंभ का स्वरूप तय करेगी मगर साधु-संत काफी आश्वस्त नजर आ रहे हैं।

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कुंभ मेले को लेकर कमल दास महाराज का कहना है कि कुंभ मेले को साधु-संत दिव्य और भव्य रुप से मनाएंगे मगर कोरोना महामारी को देखते हुए अखाड़ों और मेला प्रशासन द्वारा क्या स्वरूप बनाया जाएगा उसके अनुसार ही कुंभ मेले को किया जाएगा। कुंभ मेला तो निश्चित ही होगा क्योंकि कुंभ मेले को टाला नहीं जा सकता। हम माँ गंगा से प्रार्थना करते हैं कि कोरोना महामारी जल्द समाप्त हो जिससे कुंभ मेला भव्य और सुंदर हो।

अब देखना होगा कि कुंभ मेले के वक्त कोरोना महामारी का क्या रूप रहता है और क्या कुंभ मेला भव्य और सुंदर हो पाएगा यह देखने वाली बात होगी।