रुद्रप्रयाग का पौराणिक हनुमान मंदिर ध्वस्त – लोग निकाल रहे ट्विटर पर गुस्सा
रुद्रप्रयाग: रूद्रप्रयाग मुख्य बाजार की पहचान बना पौराणिक हनुमान मंदिर ऑल वेदर रोड परियोजना के उद्देश्य हेतु बलि चढ़ गया। परियोजना के तहत बद्रीनाथ और केदारनाथ हाईवे के चौडीकरण हेतु हाईवे के अन्य मार्गों पर स्थित सार्वजनिक स्थलों को पूर्व में ही चिन्हित किया गया था, जिसके चलते रुद्रप्रयाग मुख्य बाजार मेंं पौराणिक हनुमान मंदिर को हटा दिया गया।
जब बद्री-केदार यात्रा पैदल होती थी, उस दौर से रुद्रप्रयाग बाज़ार में राहगीरों को छांव देता यह विशाल पीपल का पेड़ अब 'विकास' के लिए कत्ल किया जा रहा। नीचे बना हनुमान मंदिर तोड़ा जा चुका। सड़कें बनें-विकास हो, मगर ऐसी धरोहरों की कीमत पर नहीं..@PMOIndia @tsrawatbjp #Save_Heritage pic.twitter.com/zgIOVkv3CL
— Jitendra Anthwal (@JitendraAnthwal) June 25, 2020
रामभक्त हनुमान के प्राचीन मंदिर के तोड़े जाने से सोशल मीडिया पर लोगों ने बीजेपी सरकार की निंदा की। एक यूजर ने हनुमान मंदिर को ध्वस्त किये जाने पर सुब्रह्मण्यम स्वामी को टैग करते हुए लिखा कि:
“डॉ @ Swamy39 जी, रुद्रप्रयाग में 180 वर्ष पुराना हनुमान मंदिर, उत्तराखंड की सड़क को चौड़ा करने के लिए ध्वस्त कर दिया गया है आश्चर्य है कि इसके लिए कोई दूसरा विकल्प नहीं था। आइडल को दूसरी जगह स्थानांतरित कर दिया गया है !! “प्राणप्रतिष्ठा” के बाद, क्या हम मंदिर को नष्ट करके मूर्ति को स्थानांतरित कर सकते हैं?”
इस पर सुब्रह्मण्यम स्वामी ने जवाब देते हुए लिखा –
“वर्तमान भाजपा यूके सरकार, 51 प्राचीन मंदिरों को संभालने के बाद और अब जैसा कि आप सूचित करते हैं, हनुमान मंदिर को ध्वस्त करना हिंदू के रूप में रावण के रूप में है। 51 मंदिर सीता का प्रतिनिधित्व करते हैं, और मंदिर को ध्वस्त करना हनुमान की पूंछ पर आग जलाने जैसा है।”
देखें ट्वीट:
The present BJP UK government, after taking over of 51 ancient temples and now as you inform, demolishing a Hanuman temple is as Hindu as Ravana.51 temples represent Sita, and demolishing temple is like lighting a fire on Hanuman's tail.
— Subramanian Swamy (@Swamy39) June 25, 2020
आपको बता दे कि ये मंदिर रुद्रप्रयाग बाजार के बीचों बीच था। यात्रा पर आने वाले सभी यात्री मंदिर के दर्शन करते हुए आगे बढ़ते थे। हालांकि व्यापारियों के साथ वार्ता करके पूर्व में ही हनुमानजी की मूर्ति को दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया गया गया था।
इसके अलावा भी कई यूज़र्स ने इस खबर पर दुःख और क्रोध जताया है:
https://twitter.com/real_pahadi/status/1275443438641532928?s=20
https://twitter.com/saffronpride_/status/1275638596800741380?s=20
#बद्रीकेदार के मुख्य मार्ग #रुद्रप्रयाग (#अलकनंदा और #मंदाकिनी नदी का #संगम स्थल) का हृदय कहे जाने वाला पौराणिक #हनुमान_मंदिर आधुनिकता के भेंट चढ़ गया। #हे_राम!#rudraprayag #badrikedar #hanumanmandir #viralvideo pic.twitter.com/vrEEyt8VlA
— KAMLESH BHATT कमलेश भट्ट (@kamleshcbhatt) June 24, 2020
https://twitter.com/AandhiDe/status/1275766460388761600?s=20
रुद्रप्रयाग शहर के बीचों-बीच खड़ा ये पीपल का छायादार वृक्ष कितना शानदार है, राह चलते लोगों को सुकून की छांव देता है।@DmRudraprayag कृपया इस पेड़ को काटने से बचा लीजिये।
हनुमान मन्दिर तो टूट चुका लेकिन सदियों पुराने इस पेड़ को काटने से रोक लीजिये। pic.twitter.com/UkUUPFWkP1— Deep Prakash Pant (@deeppant2) June 24, 2020
https://twitter.com/AnkitPatwal11/status/1275831981570326528?s=20
रुद्रप्रयाग में वर्षों पुराना हनुमान जी का मंदिर तोड़ दिया है।
क्या अब भाजपा राज में हिंदुओं के मंदिर भी सुरक्षित नहीं है? pic.twitter.com/kzssuLRtFy
— Deep Prakash Pant (@deeppant2) June 24, 2020
https://twitter.com/IamSurajRana/status/1276046600729575424?s=20
आपकी सरकार द्वारा निरतंर पुराने मंदिरों को तोड़ा जा रहा है जो बिल्कुल ही निदंनीय है। कल ही रूद्रप्रयाग के चौराहे पर जो हनुमान मन्दिर था उसे विकास के नाम पर तोड़ दिया गया शायद आपकी सरकार २०१३ की आपदा को भूल गयी हैं।आपकी सरकार भी कांग्रेस वाले रास्ते पर चल रही है। ॐ नमः शिवाय
— आनन्द उत्तराखण्डी (@Anand96336124) June 24, 2020
#Uttarakhand में #BJP सरकार !#रुद्रप्रयाग में पीपल के नीचे बने पुराने #हनुमान मंदिर को तोड़ा, पीपल भी निशाने पर!
ज़रूरी था तो कुछ लोगों की तोड़कर उन्हें अलग दुकान देते!
(Pic 3:
जब 1950s में #बद्रीनाथ हाईवे बना तो नानी के एक घर का आंगन गया,अब 100+ साल पुराना ऐतिहासिक मकान भी) https://t.co/6skbunpEsI pic.twitter.com/gQCi5PreJT— Girish Joshi #दादू_मि_पर्वतों_को_वासी (@girish_joshig) June 25, 2020
इस मंदिर के स्थान पर दूसरी जगह हनुमान मंदिर बनाया जाएगा। मंदिर से सटा हुआ एक पौराणिक पीपल का पेड़ है। इस पेड़ को भी यहां से हटाया जा रहा है।