ऋषि गंगा के मुहाने पर बनी झील नें बढ़ाई प्रदेश सरकार की चिंता
चमोली | ऋषि गंगा के मुहाने पर बनी झील नें फिर से प्रदेश सरकार की चिंता बढ़ा दी है, सरकार अब रोंठी झील को खाली कराना चाहती है जिसके लिए वास्तविक स्थिति का जायजा लेने के लिए वैज्ञानिको का एक दल भी पैदल ही रेणि गाँव से 8किलोमीटर पैदल चल कर बेसकेम्प मुरण्डा गाँव पहुँच चुका है |
वहीं SDRF और डीआरडीओ के वैज्ञानिकों का दल भी झील की गतिविधियों पर नजर बनाये हुए है ,आपात स्थिति से निपटने के लिए ITBP द्वारा झील के समीप अस्थाई हेलिपेड बनाया गया है जिसके बाद इंडियन नेवी की टीम भी हेली से बेसकेम्प पहुँच झील की गहराई का अध्यन कर लौट चुकी है,बताया जा रहा की झील करीब 8से 10मीटर गहरी है,और बड़ी बात ये की यह झील चौराबारी केदारनाथ की झील से बड़ी बताई गई है,धौली गंगा और ऋषि गंगा के मुहाने पर बनी यह झील 50मीटर चौडी और 750मीटर लम्बी प्राकृतिक ग्लेशियर वाटर लेक है छेत्र में आपदा से निपटने हेतु सरकार की मंशा झील को खाली कराने की है,ITBP के जवाँन और SDRF टीम लगातार झील पर नजर बनाये है,झील से रिस रहे पानी की अधिक निकासी हो इसके लिए ITBP के हिमवीर जवान लगातार झील के मुहाने पर चेनलों को चौडा कर मलवा हटाने में जुटे है अच्छी बात ये है की अभी झील के मुहाने से लगातार पानी का रिसाव हो रहा है, आगामी 24फरवरी को मौसम के बदलने वाले मिजाज को देखते हुए सरकार हर एक सुरक्षा के उपाय पर विचार कर रही है