RBI ने जारी किया 2025 का अनुमान, 7 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी भारतीय अर्थव्यवस्था
नई दिल्ली । भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने आधार आधारित भुगतान प्रणाली (एईपीएस) के जरिये लेनदेन के दौरान ग्राहकों को धोखाधड़ी से बचाने के लिए एईपीएस की सुरक्षा बढ़ाने का निर्णय लिया है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को चालू वित्त वर्ष की अंतिम द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए बताया कि भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) संचालित एईपीएस के ग्राहकों को डिजिटल भुगतान लेनदेन करने में सक्षम बनाती है। वर्ष 2023 में 37 करोड़ से अधिक ग्राहकों ने एईपीएस के माध्यम से लेनदेन किया। यह वित्तीय समावेशन में एईपीएस द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका की ओर इशारा करता है और वित्त वर्ष 2025 में भारतीय जीडीपी के 7 फीसदी की दर से बढऩे का अनुमान है।
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शक्तिकांत दास ने बताया कि एईपीएस लेनदेन की सुरक्षा बढ़ाने के लिए, बैंकों द्वारा पालन की जाने वाली एईपीएस टचपॉइंट ऑपरेटरों के लिए अनिवार्य ऑनबोर्डिंग प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने का प्रस्ताव है। इसके तहत अतिरिक्त धोखाधड़ी जोखिम प्रबंधन आवश्यकताओं पर भी विचार किया जाएगा। इस संबंध में शीघ्र ही निर्देश जारी किये जायेंगे। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में रिजर्व बैंक ने डिजिटल भुगतान की सुरक्षा विशेष रूप से प्रमाणीकरण के अतिरिक्त कारक (एएफए) की आवश्यकता को प्राथमिकता दी है।
मुद्रास्फीति 4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान
बता दें कि आरबीआई ने कोई विशेष अतिरिक्त कारक (एएफए) निर्धारित नहीं किया है लेकिन भुगतान पारिस्थितिकी तंत्र ने बड़े पैमाने पर एसएमएस-आधारित वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) को अपनाया है। शक्तिकांत दास ने कहा कि प्रौद्योगिकी में नवाचारों के साथ हाल के वर्षों में वैकल्पिक प्रमाणीकरण तंत्र उभरे हैं। डिजिटल सुरक्षा के लिए ऐसे तंत्रों के उपयोग को सुविधाजनक बनाने के लिए एक सिद्धांत-आधारित डिजिटल भुगतान लेनदेन के प्रमाणीकरण के लिए रूपरेखा अपनाने का प्रस्ताव है। इस संबंध में निर्देश अलग से जारी किये जायेंगे। इसके अलावा आरबीआई को अगले वित्तीय वर्ष में मुद्रास्फीति धीमी होने का अनुमान है। अगले साल सामान्य मानसून मानते हुए, 2024-25 के लिए सीपीआई मुद्रास्फीति 4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है।