प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शुक्रवार को जी-7, क्वाड समूह सहित कुछ प्रमुख बहुपक्षीय शिखर सम्मेलनों में भाग लेने के लिए जापान, पापुआ न्यू गिनी और ऑस्ट्रेलिया की छह दिवसीय यात्रा पर जा रहे हैं। अपनी इस यात्रा के दौरान पीएम मोदी 40 से अधिक कार्यक्रमों में हिस्सा ले सकते हैं। पीएम मोदी शिखर सम्मेलनों में विश्व के दो दर्जन से अधिक नेताओं के साथ बातचीत करेंगे, जिनमें द्विपक्षीय बैठकें भी शामिल हैं।

विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने संवाददाताओं को बताया कि प्रधानमंत्री मोदी 19 मई की सुबह अपनी यात्रा के पहले चरण के लिए जापान के शहर हिरोशिमा के लिए रवाना होंगे, जहां वह दुनिया की विकसित अर्थव्यवस्था वाले देशों के समूह जी-7 के वार्षिक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। उन्होंने बताया कि वह (प्रधानमंत्री मोदी) जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा के न्योते पर वहां जा रहे हैं। जापान, जी-7 समूह के मौजूदा अध्यक्ष के रूप में इसके शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है और भारत को इसमें अतिथि देश के रूप में आमंत्रित किया गया है।

क्वात्रा ने बताया कि जी-7 समूह की बैठक में प्राथमिकताओं से जुड़े कई विषयों पर चर्चा होगी, जिसमें सम्पर्क बढ़ाने, सुरक्षा, परमाणु निरस्त्रीकरण, आर्थिक सुरक्षा, क्षेत्रीय मुद्दे, जलवायु परिवर्तन, खाद्य एवं स्वास्थ्य तथा विकास के अलावा डिजिटलीकरण, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी जैसे मुद्दे शामिल हैं। उन्होंने बताया कि भारत तीन औपचारिक सत्र में हिस्सा लेगा, जिसमें प्रथम दो सत्र 20 मई को और तीसरा सत्र 21 मई को आयोजित किया जाएगा। प्रथम दो सत्र के विषय खाद्य एवं स्वास्थ्य और लैंगिक समानता तथा जलवायु परिवर्तन व पर्यावरण होंगे। वहीं, शांतिपूर्ण, टिकाऊ एवं प्रगतिशील विश्व जैसे विषयों को तीसरे सत्र में शामिल किया गया है।

क्वत्रा ने बताया कि जापान के हिरोशिमा में इसी सप्ताह क्वाड समूह के नेताओं की बैठक होने की संभावना है जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा और आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज हिस्सा लेंगे। हालांकि, अमेरिका में उत्पन्न आर्थिक संकट का समाधान करने के लिए बाइडन के अपनी ऑस्ट्रेलिया यात्रा स्थगित करने के बाद सिडनी में प्रस्तावित क्वाड देशों के नेताओं की बैठक रद्द कर दी गई है।

विदेश सचिव ने कहा कि सिडनी में निर्धारित बैठक जिन कारणों से नहीं हो रही है, इसकी जानकारी आप सभी को है और हिरोशिमा में चारों नेताओं की मौजूदगी का लाभ उठाते हुए वहां यह बैठक आयोजित करने की योजना है। क्वात्रा ने कहा कि सहयोग, सहकार्य आदि से संबंधित जिस एजेंडे पर पिछली बैठक में सहमति बनी हो, उसके आधार पर समूह में आगे चर्चा की जाती है। इसमें आर्थिक विषय, नौवहन, विकास, हिन्द प्रशांत आदि मुद्दों पर किस प्रकार से सहयोग बढ़ाया जाए, उस पर चर्चा हो सकती है।

विदेश सचिव ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी जी-7 शिखर सम्मेलन से इतर जापान के प्रधानमंत्री और कुछ अन्य देशों के नेताओं के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। उन्होंने बताया कि जापान के प्रधानमंत्री किशिदा के साथ प्रधानमंत्री मोदी की द्विपक्षीय वार्ता में आर्थिक मामलों सहित अन्य विषयों पर चर्चा होगी। हिरोशिमा में प्रधानमंत्री मोदी, महात्मा गांधी की आवक्ष प्रतिमा का अनावरण भी करेंगे। क्वात्रा ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी, जापान से पोर्ट मोरेस्बी की यात्रा करेंगे, जहां वह 22 मई को पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री जेम्स मारपे के साथ फोरम फॉर इंडिया-पैसिफिक आइलैंड्स को-ऑपरेशन (एफआईपीआईसी) के तीसरे शिखर सम्मेलन की संयुक्त रूप से मेजबानी करेंगे।

उल्लेखनीय है कि किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पापुआ न्यू गिनी की यह पहली यात्रा होगी। वर्ष 2014 में स्थापित किए गए एफआईपीआईसी में भारत और 14 प्रशांत द्वीप देश शामिल हैं – जिनमें फिजी, पापुआ न्यू गिनी, टोंगा, तुवालु, किरिबाती, समोआ, वानुअतु, नीयू, फेडरेटेड स्टेट्स ऑफ माइक्रोनेशिया, रिपब्लिक ऑफ मार्शल आइलैंड्स, कुक आइलैंड्स, पलाऊ, नाउरू और सोलोमन द्वीप सम्मिलित हैं।

क्वात्रा ने बताया कि मोरेस्बी में प्रधानमंत्री मोदी पापुआ न्यू गिनी के नेतृत्व के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी करेंगे। साथ ही, उनका फिजी के प्रधानमंत्री रोबुका से मिलने का भी कार्यक्रम है। विदेश सचिव ने बताया कि अपनी यात्रा के तीसरे और अंतिम चरण में मोदी क्वाड शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए 22 से 24 मई तक सिडनी जायेंगे।

उन्होंने बताया कि ऑस्ट्रेलिया की अपनी यात्रा के दौरान मोदी 24 मई को वहां(आस्ट्रेलिया) के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी 23 मई को सिडनी में एक सामुदायिक कार्यक्रम में ऑस्ट्रेलियाई कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों और प्रमुख कारोबारियों के साथ बातचीत करेंगे तथा भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित भी करेंगे। खालिस्तान से जुड़े मुद्दे पर पूछे गये एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि इस संवेदनशील विषय को भारत, आस्ट्रेलिया के समक्ष उठाता रहा है और इस बारे में वार्ता जारी है।