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पौड़ी | लेह-लद्दाख में ड्यूटी के दौरान हार्ट अटैक पड़ने से सैनिक का निधन

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भारतीय सेना के एक सैनिक का लेह-लद्दाख में ड्यूटी के दौरान आर्ट अटैक पड़ने से उसका निधन हो गया है। यह सैनिक विकास खंड खिर्सू के कुसली गांव का मूल निवासी है। जो बीते 13 सालो से दिन-रात भारत माता की सेवा में समर्पित था।
पौड़ी | लेह-लद्दाख में ड्यूटी के दौरान हार्ट अटैक पड़ने से सैनिक का निधन

पौड़ी। भारतीय सेना के एक सैनिक का लेह-लद्दाख में ड्यूटी के दौरान आर्ट अटैक पड़ने से उसका निधन हो गया है। यह सैनिक विकास खंड खिर्सू के कुसली गांव का मूल निवासी है। जो बीते 13 सालो से दिन-रात भारत माता की सेवा में समर्पित था। सैनिक के निधन से उसकी पांच साल की बेटी व छह माह के बेटे के सिर से पिता का साया उठ गया है। सैनिक के निधन से परिवार पर जहां दुखों का पहाड़ टूट आया है। वहीं क्षेत्र में शोक की लहर है। सैनिक के पार्थिव शरीर की अंत्येष्टि शुक्रवार को अलकनंदा नदी तट पर आईटीआई श्रीनगर स्थित पैतृक घाट पर होगा।

विकास खंड खिर्सू के ग्राम पंचायत धरिगांव स्थित कुसली गांव निवासी राजेंद्र सिंह रावत व रामेश्वरी रावत के घर एक बालक ने जन्म लिया। जिसका नाम उन्होंने संजय रखा। जो बचपन से ही पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद में अव्वल था। उसकी भारतीय सेना में भर्ती होकर देश सेवा की भावना के चलते वह गढ़वाल राइफल में भर्ती हो गया। संजय रावत बीते 13 साल से भारतीय सेना का अभिन्न अंग था। वह इन दिनों 14 गढ़वाल राइफल में सेवारत रहते हुए लेह-लद्दाख में तैनात था।

संजय के चाचा सोहन सिंह रावत ने बताया कि सेना से संदेश आया कि संजय को बीते 3 अप्रैल को ड्यूटी के दौरान लेह-लद्दाख में हार्ट अटैक आया। जिस कारण उसका निधन हो गया है। उन्होंने बताया कि वीर सैनिक बेटे के आकस्मिक निधन से पूरे परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट आया है। उन्होंने बताया कि संजय की एक पांच साल की बेटी है और एक छह माह का बेटा है। पत्नी मोनिका रावत गृहणी है। उसके पिता राजेंद्र सिंह सेना से लांस नायक के पद पर सेवानिवृत्त हुए हैं। जबकि छोटा भाई धीरेंद्र सिंह भारतीय सेना का हिस्सा है। चाचा श्रवण सिंह व मोहन सिंह प्राईवेट जॉब करते हैं।