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जयहरीखाल: राजनीति की भेंट चढ़ रहा राजीव गांधी अभिनव आवासीय विद्यालय

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जनपद पौड़ी के जयहरीखाल में स्थित राजीव गांधी अभिनव आवासीय विद्यालय में अध्ययनरत बच्चों के अभिभावकों ने विद्यालय में प्रवेश प्रक्रिया शुरू किए जाने की मांग को लेकर आज मुख्य शिक्षाधिकारी से मुलाकात की।

पौड़ी: जनपद पौड़ी के जयहरीखाल में स्थित राजीव गांधी अभिनव आवासीय विद्यालय में अध्ययनरत बच्चों के अभिभावकों ने विद्यालय में प्रवेश प्रक्रिया शुरू किए जाने की मांग को लेकर आज मुख्य शिक्षाधिकारी से मुलाकात की।

अभिभावकों ने बताया कि अब छात्रों का भविष्य राजनीति की भेंट चढ़ रहा है। कांग्रेस और भाजपा के बीच का युद्ध का खामियाज़ा बच्चों को भुगतना पड़ेगा। उन्होंने बताया कि कांग्रेस सरकार के समय में इस विद्यालय को बनाया गया था लेकिन अब भाजपा की सरकार द्वारा इसकी अनदेखी की जा रही है। यदि जल्द ही बच्चों को प्रवेश नहीं दिया जाता है तो उसके लिए भूख हड़ताल पर बैठेंगे, लेकिन बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं होने देंगे।

राजीव गांधी अभिनव आवासीय विद्यालय जयहरीखाल में अध्ययनरत बच्चों के अभिभावकों ने आज पौड़ी पहुंचकर मुख्य शिक्षाधिकारी मदन सिंह रावत से मुलाकात कर जल्द ही छठवीं और 11-12 में प्रवेश शुरू करने की मांग की।

अभिभावक संघ के अध्यक्ष मनमोहन थापा ने कहा कि साल 2015-16 में स्थापित इस विद्यालय में वर्तमान में करीब 60 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। विद्यालय के कक्षा 10 का परीक्षा परिणाम भी शत प्रतिशत रहा है।

वहीं विद्यालय के प्रधानाचार्य से वार्ता करने के बाद भी कोई जवाब नहीं मिल रहा है। उन्होंने बताया कि यदि छठवीं और 11-12वीं में उनके बच्चों को प्रवेश नहीं दिया जा रहा है तो वे बच्चों के भविष्य के खातिर भूखहड़ताल करने के लिए मजबूर हो जायेंगे।

वहीं अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय सचिव ज्योति रौतेला ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने क्षेत्र में इस विद्यालय की शुरुआत की थी ताकि क्षेत्रीय बच्चों को अच्छी शिक्षा मिल सके लेकिन भाजपा के वर्तमान सरकार उनकी अनदेखी कर रही है। विद्यालय के प्रधानाचार्य द्वारा बताया जाता है कि उन्हें मौखिक आदेश मिले हैं कि छठवीं और 11वीं 12वीं में कोई भी प्रवेश नहीं होंगे जिससे कि बच्चों का भविष्य अधर पर लटका हुआ है।

उन्होंने कहा कि यदि जल्द ही शिक्षा विभाग इन बच्चों को प्रवेश नहीं देता है तो वे आंदोलन तक करने के लिए मजबूर हो जायेगे। लेकिन बच्चों का भविष्य खराब नहीं होने देंगे।

मुख्य शिक्षाधिकारी मदन सिंह रावत ने बताया कि कोविड-19 के चलते प्रवेश देने में कुछ देरी हुई है। छठवीं कक्षा में एक सप्ताह के अंदर प्रवेश देना शुरू कर दिया जाएगा। वहीं शासन की ओर से 11वीं और 12वीं में अभी प्रवेश देने की अनुमति नहीं मिली है। जैसे ही शासन से अनुमति मिलती है उसी अनुसार बच्चों को प्रवेश देना शुरू किया जाएगा।