अप्रैल से बदलेंगे नियम – इन बैंकों की चेक बुक, पासबुक होगी बेकार
नई दिल्ली | नए वित्तीय वर्ष एक अप्रैल से कई नियम कानूनों के लागू होने और पुराने के रद्द होने से कुछ व्यापक बदलाव अपेक्षित है। निश्चित ही इसके साथ ही आपकी जेब से जुड़े कई नियमों में भी बदलाव होने जा रहा है। बीते वित्त वर्ष में सरकार ने कई सरकारी बैंकों का विलय किया गया है। ऐसे में पुराने बैंकों की चेक बुक बेकार हो जाएंगी।
इसके साथ वहीं पेंशन फंड मैनेजरों को ग्राहकों से ज्यादा शुल्क लेने की अनुमति मिली है। वहीं पीएफ में निवेश पर टैक्स छूट की सीमा भी 1 अप्रैल से लागू हो रही है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसकी घोषणा की थी। आइए जानते हैं उन बदलावों के बारे में, जो 1 अप्रैल से लागू होने जा रहे हैं।
इन बैंकों की चेक बुक होगी बेकार
आपके पास देना बैंक, विजया बैंक, कॉर्पोरेशन बैंक, आंध्रा बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया और इलाहाबाद बैंक में खाता है तो आपकी पासबुक और चेक बुक 1 अप्रैल 2021 से बेकार हो जाएगी। इन सात सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के विभिन्न अन्य बैंकों में विलय के कारण यह बदलाव हो रहा है। देना बैंक और विजया बैंक को बैंक ऑफ बड़ौदा के साथ मिला दिया गया है, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया को पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के साथ मिला दिया गया है, कॉरपोरेशन बैंक और आंध्रा बैंक को यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के साथ मिला दिया गया है।
रिटर्न भरना होगा आसान
करदाताओं को रिटर्न फाइल करने में आसानी हो इसके लिए अब वेतन आय के अलावा दूसरे सोर्स से होने वाली आय, जैसे डिविडेंड आय, कैपिटल गेन आय, बैंक डिपॉजिट इंट्रेस्ट आय, पोस्ट ऑफिस इंट्रेस्ट आय की जानकारी पहले से फिल होगी। अभी तक करदाताओं को इसका अलग से कैलकुलेशन करना होता था। इससे कई बार भूल जाने के कारण उसे परेशानी होती थी। अब ये तमाम जानकारी पहले से भरी हुई आएगी।
भविष्यनिधि खातों पर आयकर नियम में बदलाव
1 अप्रैल 2021 से, भविष्यनिधि (ईपीएफ) खाते में किसी के निवेश को आयकर से पूरी तरह छूट नहीं मिलेगी। 1 अप्रैल 2021 से, वित्तीय वर्ष में ईपीएफ में 2.5 लाख रुपए से अधिक के निवेश पर कर लगाया जाएगा। किसी विशेष वर्ष में 2।5 लाख रुपए से अधिक के ईपीएफ निवेश पर एक ईपीएफ ब्याज कर योग्य है।
पेंशन फंड मैनेजर्स वसूल सकेंगे ज्यादा फीस
यदि आप पेंशन फंड में निवेश करते हैं तो आपके लिए यह अपडेट जानना जरूरी है। पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (पीएफआरडीए) ने पेंशन फंड मैनेजर (पीएफएम) को अपने ग्राहकों को 1 अप्रैल से उच्च शुल्क लेने की अनुमति दी है। इस कदम से इस सेक्टर में अधिक विदेशी निवेश को आकर्षित किया जा सकता है। पेंशन नियामक ने 2020 में जारी प्रस्तावों (आरएफपी) के लिए एक उच्च शुल्क संरचना का प्रस्ताव किया था। यह पीएफएम के लिए लाइसेंस के एक नए दौर के बाद प्रभावी होना था।
बुजुर्गों को नहीं भरना होगा टैक्स रिटर्न
सरकार ने बजट में 75 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्गों को राहत दी है। बजट में ऐलान हुआ कि 75 साल से ज्यादा उम्र के ऐसे बुजुर्ग जो केवल पेंशन और जमा से होने वाली ब्याज आय पर निर्भर हैं, उन्हें इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग (आईटीआर) की जरूरत नहीं होगी। भुगतानकर्ता बैंक उनकी आय पर आवश्यक टैक्स की कटौती कर लेगा। हालांकि, इस लाभ के लिए जरूरी है कि पेंशन और ब्याज आय एक ही बैंक में आएं।
टीडीएस पर आयकर नियम
टीडीएस के लिए आयकर नियम (टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स) 1 अप्रैल 2021 से बदल जाएगा। अपने बजट भाषण में, सीतारमण ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल नहीं करता है, तो उस स्थिति में, बैंक जमा पर टीडीएस दर दोगुनी हो जाएगी। इसका मतलब है, भले ही कोई कमाने वाला व्यक्ति आयकर स्लैब में नहीं आता है, फिर भी उन पर लगाया गया टीडीएस दर दोगुना हो जाएगा (यदि अर्जित व्यक्ति आईटीआर दाखिल नहीं करता है)।
[epic_carousel_3 enable_autoplay=”true” include_category=”143″]
[epic_block_21 header_icon=”fa-angle-double-right” first_title=”उत्तराखंड की ख़बरें” header_type=”heading_3″ header_background=”#bb1616″ header_text_color=”#ffffff” number_post=”8″ include_category=”उत्तराखंड,4094,4608,1636″]