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भूख न लगना भी ओमिक्रॉन के लक्षण- खाएं ये फूड, ‎मिलेगा भरपूर पोषण

भूख न लगना भी ओमिक्रॉन के लक्षण- खाएं ये फूड, ‎मिलेगा भरपूर पोषण

नई दिल्ली| हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, ओमिक्रॉन के लक्षणों को कम करने का सबसे अच्छा तरीका वैक्सीनेशन है। लेकिन वैक्सीनेटेड लोगों को भी ओमिक्रॉन अपनी चपेट में ले रहा है। जिन लोगों ने टीका नहीं लगावाया है उनकी अपेक्षा टीका लगवाने वाले लोगों में लक्षण कुछ हद तक हल्के हो सकते हैं। अगर कोई ओमिक्रॉन से संक्रमित हो जाता है, तो उसे यह समझ नहीं आता कि कौन से फूड का सेवन करना चाहिए, खासकर तक जब उसे भूख नहीं लग रही हो। क्योंकि भूख न लगना भी ओमिक्रॉन का एक लक्षण है।

सेंट जोसेफ हेल्थ में इंस्टीट्यूट फॉर ऑटोइम्यून एंड रूमेटिक डिजीज की डायरेक्टर और इम्युनिटी स्ट्रॉन्ग बुक की राइटर डॉ. रॉबर्ट जी लाहिता जिन्हें डॉ. बॉब नाम से भी जानते हैं उनके मुताबिक, “जो लोग ओमिक्रॉन, डेल्टा या इन्फ्लुएंजा से संक्रमित होते हैं, उन लोगों में भूख की कमी हो जाती है। ओमिक्रॉन होने पर गले में बहुत दर्द होता है, ऐसा लगता है जैसे गला खराब हो गया है और उसमें कुछ चुभ रहा है। यहां तक कि कोई तरल पदार्थ पीने पर भी गले में दर्द होता है” ऐसे में खराब गला और भूख न लगने के कारण कुछ खाने का मन नहीं करता। लेकिन शरीर न्यूट्रिशन देना काफी जरूरी है, ताकि जल्द से जल्द रिकवर कर पाएं। ऐसे ओमिक्रॉन के लक्षण होने पर निम्न खाद्य पदार्थ का सेवन कर सकते हैं। ओमिक्रॉन से संक्रमित होने पर दही का सेवन सबसे अच्छा रहेगा। दही खाने में काफी नरम और ठंडा रहता है, जिससे गले में अच्छा महसूस होगा। साथ ही साथ यह प्रोटीन से भरपूर होता है, जिसके कारण भूख भी कम लगेगी।

डॉ. बॉब के मुताबिक, ओमिक्रॉन के लक्षण दिखने पर दही का सेवन करने के लिए उस में कुछ ग्रेनोला मिलाएं और फिर उसका सेवन करें। अगर चाहें तो पोटेशियम के लिए 1 केला भी काटकर डाल सकते हैं। लेकिन ध्यान रखें केले के टुकड़े छोटे हों, नहीं तो निगलने में परेशानी हो सकती है। गले को आराम देने और पोषण लेने के लिए एक और जो आसान मील है वो है सूप या शोरबा। डॉ. बॉब के मुताबिक सूप या शोरबा में काफी सारे इलेक्ट्रोलाइट होते हैं, जिसका सेवन करना अच्छा रहेगा।

यदि आपको अधिक भूख लगी है तो सूप में सब्जियां डाल सकते हैं, जिससे शरीर को अधिक पोषक तत्व मिलेंगे जो संक्रमण से लड़ने में मदद करेंगे। डॉ. बॉब के मुताबिक, पत्तेदार या क्रूस वाली सब्जियों का सेवन करना ओमिक्रॉन के संक्रमितों का काफी फायदा पहुंचा सकता है। इसके लिए पालक, सरसों, पत्तागोभी, फूल गोभी (मैश करके), मैथी की भाजी आदि का सेवन कर सकते हैं। इनसे काफी सारे पोषण मिलेंगे जो कि इस संक्रमण से लड़ने में मदद कर सकते हैं।डॉ. बॉब के मुताबिक, ओमिक्रॉन के पैशेंट हमेशा हल्का खाना खाना चाहते हैं। इसलिए वे चाहें तो प्रोटीन शेक का सेवन कर सकते हैं।

प्रोटीन शेक स्मूदी की तुलना में हल्की होती है और इसके सेवन से गले पर दबाव भी नहीं आता। इसलिए अपने पसंदीदा प्रोटीन पाउडर को दूध या पानी में मिलाकर पी सकते हैं। डॉ. बॉब के मुताबिक, ओमिक्रॉन संक्रमितों को लिक्विड पदार्थ का सेवन करना काफी जरूरी है। इसलिए ऐसी ड्रिंक पिएं जिसमें इलेक्ट्रोलाइट्स हैं, खासकर दस्त और उल्टी की समस्या हो तब। इसका कारण है कि ऐसे खाद्य पदार्थ जिनमें साइट्रस होता है उनमें थोड़ा सा टार्ट होता है, जिस कारण उन्हें निगलना मुश्किल हो सकता है।

ओमिक्रॉन के मामले में मरीजों को गले में खराश का अनुभव होता है, तो शायद ऐसे में खट्टे फलों का सेवन करने से गले की समस्या और बढ़ सकती है। इसलिए मैं दही और अन्य नरम प्रोबायोटिक्स खाद्य पदार्थों के सेवन की सलाह दे रहा हूं।” मालूम हो ‎कि देश में ओमिक्रॉन वैरिएंट के कारण पिछले कुछ हफ्तों से संक्रमितों की संख्या काफी तेजी से बढ़ी है। भारत में पिछले 24 घंटे में 1.17 लाख कोरोना पॉजिटिव केस मिले हैं। वहीं ओमिक्रॉन से संक्रमितों की संख्या भी 3 हजार के पार पहुंच गई है।

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