कोरोना की रफ्तार धीमी, लगातार चौथे दिन 3 लाख से कम एक्टिव केस
नई दिल्ली | दुनियाभर में कोरोना ने त्राहि-त्राहि मचा रखी है। भारत में भले ही कोरोना के मामलों में गिरावट देखी गई हो, लेकिन कोरोना का खतरा अभी भी बना हुआ है। पिछले 24 घंटों में भारत में कोरोना के 23,068 नए मामले देखने को मिले हैं।
नए मामलों के बाद से भारत में कोरोना के कुल आंकड़ों का टोल 1,01,46,846 पहुंच गया है। देश में अब भी कोरोना के मामले सामने आ रहे हैं। दुनिया में कोरोना के नए स्ट्रेन ने भी डर पैदा कर दिया है। भारत में अब भी कोरोना से लोग मर रहे हैं। पिछले 24 घंटों में कोरोना से 336 लोगों की मौत हो गई। इसके बाद ही कोरोना से मरने वालों की संख्या भारत में 1,47,092 तक पहुंच गई है।
वहीं अगर भारत में एक्टिव मामलों की बात करें तो देश में 2,81,919 कोरोना के एक्टिव मामले हैं। भारत में 97,17,834 डिस्चार्ज्ड मामले हैं। पिछले 24 घंटों में देश के अंदर 24,661 डिस्चार्ज मामले देखे गए हैं। कई लोग कोरोना वायरस से सही भी हो रहे हैं। कोरोना वायरस संक्रमण के बाद स्वस्थ होने वाले लोगों में इस संक्रमण के खिलाफ रोग प्रतिरोधक क्षमता संक्रमणमुक्त होने के छह महीने बाद तक और संभवत: इससे भी अधिक समय तक बनी रहती है।
दो नए अध्ययनों में यह बात सामने आई है। ये अध्ययन कोविड-19 रोधी टीकों के प्रभावी होने की उम्मीद को प्रबल करते हैं। ये टीके रोग प्रतिरोधी क्षमता को संक्रमण के खिलाफ एंटीबॉडी बनाने में मदद करते हैं। अमेरिकी राष्ट्रीय कैंसर संस्थान के निदेशक डॉ. नेड शार्पलेस ने कहा कि अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि संक्रमण के बाद जिन लोगों के शरीर में एंटीबॉडी मौजूद हैं, उनमें संक्रमण का खतरा काफी कम है और यह सुरक्षा टीके से मिलने वाली सुरक्षा की तरह ही है। शार्पलेस ने कहा कि दोबारा संक्रमित होने की आशंका बहुत ही कम है।