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तुर्की को मदद भेजेगा भारत, बचाव दल और मेडिकल टीमें भी जाएगी

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पीएमओ की तरफ से बताया गया कि विशेष रूप से प्रशिक्षित डॉग स्क्वॉड और आवश्यक उपकरणों के साथ 100 कर्मियों वाली एनडीआरएफ की दो टीमें खोज और बचाव कार्यों के लिए भूकंप प्रभावित क्षेत्र में जाने के लिए तैयार हैं।

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तुर्की में आज सोमवार सुबह 7.8 तीव्रता का भूकंप आने से हाहाकार मच गया। भूकंप इतना खतरनाक था कि इसका असर सीरिया, लेबनान और इजराइल में भी महसूस किया गया। अधिकारियों के मुताबिक तुर्की में अब तक 1000 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है और 500 से अधिक लोगों के घायल होने की खबर है। वहीं, सीरिया में 783 सीरिया लोग मारे गए हैं। इस तरह दोनों जगह कुल मिलाकर करीब 1800 लोगों के मारे जाने की खबर है।

तुर्की में आए भूकंप से निपटने के लिए हर संभव सहायता देने के पीएम नरेंद्र मोदी के निर्देश पर प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव डॉ.पी.के.मिश्रा ने तत्काल राहत उपायों पर चर्चा करने के लिए साउथ ब्लॉक में बैठक की। बैठक में निर्णय हुआ कि तुर्की गणराज्य की सरकार के समन्वय से राहत सामग्री के साथ एनडीआरएफ और चिकित्सा दलों के खोज और बचाव दलों को तुरंत भेजेगा। इस उच्चस्तरीय बैठक में कैबिनेट सचिव, गृह मंत्रालय, एनडीएमए, एनडीआरएफ, रक्षा, विदेश मंत्रालय, नागरिक उड्डयन और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालयों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। बैठक में बचाव दलों को तुर्की भेजने का निर्णय लिया गया है।

पीएमओ की तरफ से बताया गया कि विशेष रूप से प्रशिक्षित डॉग स्क्वॉड और आवश्यक उपकरणों के साथ 100 कर्मियों वाली एनडीआरएफ की दो टीमें खोज और बचाव कार्यों के लिए भूकंप प्रभावित क्षेत्र में जाने के लिए तैयार हैं। यही नहीं आवश्यक दवाओं के साथ प्रशिक्षित डॉक्टरों के साथ मेडिकल टीमें भी तैयार की जा रही हैं। जानकारी के मुताबिक तुर्की गणराज्य की सरकार और अंकारा में भारतीय दूतावास और इस्तांबुल में महावाणिज्य दूतावास के कार्यालय के समन्वय से राहत सामग्री भेजी जाएगी।

इस्तांबुल (ईएमएस)। तुर्की और सीरिया में आए भीषण भूकंप का कहर सैकड़ों जिदंगियों पर टूटा हैं। तुर्की आपदा और आपाताकालीन प्रबंधन एजेंसी ने जानकारी दी है कि 7.8 तीव्रता वाले भूकंप में कम से कम 76 लोगों की मौत हुई है। वहीं तुर्की के अधिकारियों ने बताया है कि करीब 284 लोगों की मौत हो गई है। वहीं 440 लोग घायल हुए हैं। सीरिया के स्वास्थ्य मंत्रालय ने जानकारी दी है कि सरकार के नियंत्रण वाले इलाकों में कम से कम 237 लोगों की मौत हो गई है।

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जानकारी दी गई कि अलेप्पो, लताकिया, हामा और टार्टस में 600 से ज्यादा लोग घायल हैं। इस लिहाज से तुर्की और सीरिया को मिलाकर मौत का कुल आंकड़ा 500 के पार पहुंच गया है। आशंका हैं कि संख्या में और इजाफा भी हो सकता है। भूकंप के झटके काहिरा तक महसूस हुए। इसका केंद्र सीरियाई सीमा से करीब 90 किलोमीटर दूर में गजियांतेप शहर के उत्तर में था।

तुर्कि के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने कर भूकंप प्रभावित क्षेत्रों के लिए ‘‘ खोज एवं बचाव दलों को तुरंत रवाना कर दिया गया है। उन्होंने कहा, हम उम्मीद करते हैं कि जानमाल के कम से कम नुकसान के साथ हम आपदा से मिलकर बाहर निकले। भूकंप के बाद करीब छह झटके महसूस किए गए। गृह मंत्री सुलेमान सोयलू ने लोगों से क्षतिग्रस्त इमारतों में जाने से बचने को कहा है। उन्होंने कहा, हमारी प्राथमिकता इमारतों के मलबे में फंसे लोगों को निकालना और उन्हें सुरक्षित अस्पताल पहुंचाना है।

तुर्की की आपदा एवं आपातकालीन प्रबंधन एजेंसी ने पहले बताया था कि सात तुर्की प्रांतों में कम से कम 76 लोग की मौत हो गई, जबकि 440 लोग घायल हुए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय का हवाला देकर सीरियाई सरकारी मीडिया ने बताया कि सोमवार को आए भूकंप से सीरिया में 99 लोगों की मौत हुई है, जबकि कम करीब 334 लोग घायल हुए हैं। तुर्कि के मालात्या प्रांत के गवर्नर हुलुसी साहिन ने बताया कि करीब 130 इमारतें ढह गईं। दियारबाकिर शहर में कम से कम 15 इमारतें ढही हैं। उत्तर पश्चिम सीरिया में विपक्ष के ‘सीरियन सिविल डिफेंस ने विद्रोहियों के कब्जे वाले क्षेत्र में स्थिति को ‘‘विनाशकारी बताकर कहा कि इमारतें ढहने से कई लोग मलबे में दब गए हैं। ‘सीरियन सिविल डिफेंस ने लोगों से इमारतों से बाहर खुले स्थान पर रहने को कहा है।

अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के अनुसार, भूकंप का केंद्र गजियांतेप से करीब 33 किलोमीटर दूर 18 किलोमीटर की गहराई पर था। प्रांतों में इसके झटके महसूस किए गए। भूकंप उस समय में आया है, जब पश्चिम एशिया बर्फीले तूफान की चपेट में है, जिसके गुरुवार तक जारी रहने के आसार हैं। उत्तर-पश्चिम तुर्कि में 1999 में आए शक्तिशाली भूकंप में करीब 18,000 लोग मारे गए थे।

जर्मन रिसर्च सेंटर फॉर जियोसाइंसेज (जीएफजेड) के अनुसार मध्य तुर्की में 10 किमी की गहराई में 7.8 तीव्रता का भूकंप आया है। तुर्की के डिजास्टर एंड इमरजेंसी मैनेजमेंट अथॉरिटी (एएफएडी) ने बताया कि भूकंप एक मिनट तक महसूस किया गया।

भूंकप की घटना पर पीएम मोदी ने जताया दुख, हरसंभव मदद की बात कही

तुर्की और सीरिया में आए भीषण भूकंप की घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी दुख जताया है। उन्होंने कहा कि भारत, तुर्की के साथ खड़ा है। साथ ही हर संभव मदद का भरोसा दिया है। पीएम मोदी ने कहा, इस समय तुर्की में आए भूकंप पर हम सभी की दृष्टि बनी हुई है। कई लोगों की मृत्यु और काफी नुकसान की खबरें हैं। तुर्की के आसपास के देशों में भी नुकसान की आशंका है। भारत भूकंप पीड़ितों की हर संभव मदद के लिए तत्पर हैं।
यूएस जियोलॉजिकल सर्वे ने आशंका जाहिर की है, कि तुर्की और सीरिया में मौत का आंकड़ा एक हजार के पार जा सकता है।

यूएस जियोलॉजिकल सर्वे के मुताबिक, भूकंप का केंद्र गाजियांटेप से लगभग 33 किलोमीटर (20 मील) और नूरदगी शहर से लगभग 26 किलोमीटर (16 मील) दूर था।  यह 18 किलोमीटर (11 मील) की गहराई पर केंद्रित था। डेनिश भूवैज्ञानिक संस्थान का कहना है कि तुर्की में भूकंप के झटके ग्रीनलैंड तक महसूस किए गए हैं।

भारत के प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक, यह निर्णय लिया गया कि राहत सामग्री के साथ राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और चिकित्सा दलों को तुर्की गणराज्य की सरकार के समन्वय से तुरंत तुर्की भेजा जाएगा। राहत व बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ की दो टीमें, विशेष रूप से प्रशिक्षित श्वान दस्ते और आवश्यक उपकरण भूकंप प्रभावित क्षेत्र में उड़ान भरने के लिए तैयार हैं। दोनों टीमों में 100 कर्मी शामिल हैं।