November 22, 2024

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नई दिल्ली | भारत के पास जल्द होंगी 6 वैक्सीन

एस्ट्राजेनका ने चिंपांजी में सर्दी-जुकाम के लिए जिम्मेदार एडिनोवायरस के कमजोर स्वरूप की मदद से कोरोना वैक्सीन तैयार

नई दिल्ली । केंद्र सरकार ने भारत में कोविड टीकाकरण अभियान को रफ्तार देने के लिए अमेरिका, यूरोप, ब्रिटेन और जापान के अलावा विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) से आपात इस्तेमाल की मंजूरी पाने वाले टीकों को स्वीकृति देने का फैसला किया है। इससे कोरोना के खिलाफ जंग में देश के पास जल्द छह वैक्सीन उपलब्ध होने की उम्मीद जगी है।

– पहले से उपलब्ध
1.कोविशील्ड
-ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और ब्रिटिश-स्वीडिश कंपनी एस्ट्राजेनका ने चिंपांजी में सर्दी-जुकाम के लिए जिम्मेदार एडिनोवायरस के कमजोर स्वरूप की मदद से किया तैयार
-सार्स-कोव-2 वायरस से मिलती-जुलती संरचना में ढाला, शरीर में पहुंचकर प्रतिरोधक तंत्र को कोरोना संक्रमण से लड़ाई में सक्षम एंटीबॉडी बनाने के लिए प्रेरित करता है

2.कोवैक्सीन
-भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान के सहयोग से विकसित भारत बायोटेक का स्वदेशी टीका
-सार्स-कोव-2 वायरस के निष्क्रिय रूप पर आधारित, प्रतिरोधक तंत्र को संक्रमण की पहचान में सक्षम बनाता है, उससे निपटने के लिए जरूरी एंटीबॉडी बनाता है

मंजूरी मिली
3.स्पूतनिक-वी
-रूस स्थित गामालेया रिसर्च इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं ने एडिनोवायरस के दो स्वरूप ‘एडी-5’ और ‘एडी-26’ को मिलाकर इस टीके का निर्माण किया
-निर्माताओं का दावा है कि दो अलग-अलग स्वरूप के इस्तेमाल से प्रतिरोधक तंत्र ज्यादा मजबूत एंटीबॉडी पैदा करता है, जो लंबे समय तक जीवित रहते हैं

जल्द हासिल होंगे
4.एम-आरएनए टीका
-अमेरिकी कंपनी मॉडर्ना ने किया निर्माण, एम-आरएनए वैक्सीन में मौजूद ‘मैसेंजर आरएनए’ सार्स-कोव-2 वायरस में पाए जाने वाले स्पाइक प्रोटीन का उत्पादन सुनिश्चित करता है, प्रतिरोधी तंत्र को वायरस से जंग की तैयारी करने में मिलती है मदद

5.फाइजर का टीका
-फाइजर-बायोएनटेक का कोविड टीका सार्स-कोव-2 वायरस की अनुवांशिक सामग्री पर आधारित है, यह प्रतिरोधक तंत्र को वायरस के स्पाइक प्रोटीन के संपर्क में लाता है, जिससे वह भविष्य में संक्रमण से मुकाबला करने की क्षमता हासिल कर पाता है

6.जॉनसन एंड जॉनसन का टीका
-निर्माताओं ने एडिनोवायरस के कम घातक स्वरूप में सार्स-कोव-2 वायरस से जुड़े जीन शामिल किए, मानव कोशिकाएं जीन के आधार पर कोरोना वायरस में मौजूद स्पाइक प्रोटीन पैदा करती हैं, प्रतिरोधक तंत्र स्पाइक प्रोटीन को देख एंटीबॉडी बनाने लगता है

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