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लॉकडाउन में शोध | ये हर्बल टी बढ़ाएगी रोग-प्रतिरोधक क्षमता

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ममता ने बताया कि शोध साहित्य में लिखा गया है कि इन सभी जड़ी बूटियों के मिश्रण से शरीर के रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।

 

पौड़ी: लॉकडाउन का दौर न सिर्फ एक चुनौती का दौर रहा है, बल्कि इसका एक पॉजिटिव साइड भी रहा है। ये दौर कई नयी प्रतिभाओं, नयी सोच, और नवीन विचारधाराओं को एक नयी उड़ान दे सकने में समर्थ सिद्ध हुआ है।

इसी का एक प्रत्यक्ष उदाहरण हमें तब देखने को मिला जब जीबी पंत इंस्टीटयूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टैक्नोलॉजी घुड़दौड़ी के जैव प्रौद्योगिकी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ ममता बौंठियाल ने लॉकडाउन के दौरान एक हर्बल टी बनाई। ममता ने इंस्टिट्यूट के आसपास उगने वाली जड़ी बूटियों को मिलाकर हर्बल टी का रूप दिया है जिसे दिन में 2 बार पीने से व्यक्ति के शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।

ममता ने बताया कि शोध साहित्य में लिखा गया है कि इन सभी जड़ी बूटियों के मिश्रण से शरीर के रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और कोरोना के इस दौर में यह व्यक्तियों के शरीर के लिए लाभदायक भी है। इसको प्रत्येक व्यक्ति बहुत आसानी से बना सकता है। जैव प्रौद्योगिकी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ ममता बौंठियाल ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान कॉलेज के निदेशक की ओर से बताया गया था कि इन कठिन परिस्थितियों में सभी विभाग अपने स्तर पर पूरा योगदान दें और उनका जैव प्रौद्योगिकी विभाग है तो उन्होंने साहित्य में ढूंढा की रोजमेरी, तेजपत्ता और लेमन ग्रास के मिश्रण से व्यक्ति के शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है जिसके लिए उन्होंने इन सभी जड़ी बूटियों को सुखाकर उन्हें हर्बल टी का रूप दिया।

शुरुआती दौर में उन्होंने स्वयं इसका प्रयोग किया और उसके बाद ही उन्होंने अन्य लोगों को यह हर्बल टी दी। उन्होंने कॉलेज के सभी लोगों को इस जानकारी से अवगत करवाया कि प्रत्येक व्यक्ति अपने घर पर ही हर्बल टी बना सकता है जो कि व्यक्ति के शरीर के लिए लाभदायक तो है ही साथ ही कोरोना जैसे संक्रमण से बचने के लिए व्यक्ति के शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाती है। ममता कहती है कि आज के समय में लोगों तक यह जानकारी पहुंचाना बहुत जरूरी है ताकि प्रत्येक व्यक्ति इसे अपने प्रयोग के साथ-साथ रोजगार के रूप में भी इसको बनाने की शुरुआत कर सकता है।