September 4, 2025

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सरल और संक्षिप्त

हल्द्वानी: पहाड़ का वीर सपूत कुपवाड़ा में शहीद

उत्तराखंड के वीर यमुना 6 कुमाऊँ रेजिमेंट में सूबेदार के पद पर तैनात थे। जवान की शहादत ने पूरे पहाड़ को शोकाकुल कर दिया है।

ख़ास बात:

  • आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद हुआ उत्तराखंड का लाल
  • पहाड़ में दौड़ी शोक की लहर
  • उत्तराखंड के एक और लाल ने मातृभूमि की रक्षा के लिए दिया सर्वोच्च बलिदान
  • शहीद पनेरू कर चुके थे विश्व की सबसे ऊंची चोटी को फतह..

हल्द्वानी: उत्तराखंड के जवान रणभूमि में सदैव ही अपनी वीरता का परचम लहराते आये हैं। अपने प्राणों की परवाह किये बिना यहाँ की भूमि के सपूतों ने बारम्बार अपनी मातृभूमि के प्रति कर्तव्य को पूरा किया है और हँसते-हँसते शहीद हुए हैं।

जम्मू-कश्मीर में पाक परस्त आतंकवादियों के साथ सेना की मुठभेड़ जारी है, भारतीय सेना बीते एक हफ्ते में 10 से ज्यादा आतंकियों को मौत के घाट उतार चुकी है परंतु इसी बीच जम्मू-कश्मीर से देवभूमि उत्तराखंड के लिए एक बेहद दुखद खबर आ रही है जहां आतंकियों के साथ मुठभेड़ में राज्य के एक और वीर सपूत यमुना पनेरू शहीद हो गए।

बताया गया है कि शहीद यमुना राज्य के नैनीताल जिले के रहने वाले थे और कुमाऊं रेजिमेंट में तैनात थे। बीते गुरुवार की देर रात मिली जवान की शहादत की खबर से जहां परिवार में कोहराम मचा हुआ है वहीं पूरे क्षेत्र में भी शोक की लहर है।

यमुना के शहीद होने की खबर से ही परिजनों की आंखों से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। बता दें कि शहीद यमुना पनेरू ने आठ वर्ष पहले विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा फहराकर देश-प्रदेश का नाम रोशन किया था। उस दौरान उन्होंने अपने छः सदस्यीय दल के साथ कर्नल राणा के नेतृत्व में एवरेस्ट फतह किया था।

उत्तराखंड के वीर यमुना 6 कुमाऊँ रेजिमेंट में सूबेदार के पद पर तैनात थे। जवान की शहादत ने पूरे पहाड़ को शोकाकुल कर दिया है।

सूचना के मुताबिक़ उनका पार्थिव शरीर कल सुबह तक गोरापड़ाव पहुंच जाएगा। इश्वर दिवंगत आत्मा को शांति दें व शोक-संतृप्त परिवार को ये दुःख झेलने की शक्ति दे।

हम उनके अदम्य साहस और कर्तव्यनिष्ठा को नमन करते हैं।

 

 

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