पौड़ी | ‘घोर की पछयाण, नौनी को नो’ – कार्यक्रम का शुभारंभ
पौड़ी: प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने गुरुवार को ‘बेटी बचाओ – बेटी पढ़ाओ’ योजना के अंतर्गत ‘घोर की पछयाण, नौनी को नो’ कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उन्होंने अपनी विधानसभा में इस कार्यक्रम की शुरुआत की और घरों में बेटी के नाम से नेम प्लेट लगवाई।
क्या है – घोर की पछयाण, नौनी को नो?
ज़िला प्रशासन की पहल ‘घोर की पछयाण, नौनी को नो’ अर्थात घर की पहचान बालिका के नाम से होगी। इस के अंतर्गत घरों के बाहर घर की बेटी के नाम की नाम प्लेट लगाई जाएगी।
योजना की प्रशंसा करते हुए उच्च शिक्षा मंत्री घन सिंह रावत ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा समाज में महिलाओं और बालिकाओं को और अधिक सशक्त बनाने पर जोर दिया जा रहा है।
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कार्यक्रम के दौरान घरों में बेटियों के नाम से नेम प्लेट लगाई गई। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार महिला उत्थान को लेकर गंभीर है और सरकार हर स्तर पर बेहतरीन कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि सहकारिता विभाग द्वारा महिला समूहों को एक, तीन ओर पांच लाख रुपये बिना ब्याज के दिए जा रहे है। जबकि महिला समूह को सशक्त बनाने के लिए सहकारिता विभाग से करीब 4000 करोड़ रुपए की राशि पूरे राज्य में वितरित की जा चुकी हैं।
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साथ ही उन्होंने कहा कि बद्रीनाथ धाम से महिला समूहों द्वारा बनाये गए प्रसाद से लगभग एक करोड़ की आमदनी प्राप्त हुई है। उन्होंने पहाड़ी महिलाओं से भी अपील की कि वे प्रदेश सरकार द्वारा महिलाओं के लिए चलाई जा रही योजनाओं का भरपूर लाभ उठाएं जिससे वे अपने पैरों में खड़े हो सकें और खुद के साथ-साथ समाज के विकास में भी अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर सके।
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धन सिंह रावत ने कहा कि मुख्यमंत्री महिलाओं के हक के लिए तत्पर हैं। इसी के तहत महिलाओं को पैतृक भूमि में हक दिलाने के लिए अब पुरुषों के समान हक देने जा रहे है, जिससे पुरुष और महिला के बीच की दूरी को कम किया जा सके। उन्होंने उम्मीद जाहिर की है कि आने वाले समय में पहाड़ की महिलाएं उत्कृष्ट कार्य करके प्रदेश में अपनी एक अलग ही पहचान बनाएगी।