रोडवेज से सफर करने वाले यात्रियों का पहला दिन बेकार, बसों के हड़ताल से यात्री परेशान; नए नियम का विरोध
उत्तराखंड परिवहन निगम की बसों में सफर करने वाले यात्रियों को वर्ष 2024 का पहला दिन भारी पड़ा। हादसे पर चालक को सजा और जुर्माने के प्रावधान के विरोध में उत्तराखंड राज्य परिवहन निगम के चालक परिचालकों के कार्य बहिष्कार के चलते रोडवेज बसों के चक्के जाम रहे। दिल्ली समेत लोकल रूट पर एक भी बस नहीं चलने से ऋषिकेश से देहरादून और हरिद्वार जाने वाले यात्री सामान के बोझ के साथ भटकने को मजबूर दिखे।
ऋषिकेश डिपो से प्रतिदिन दिल्ली रूट पर 36 बसें, दून रोड पर आठ बसें, हरिद्वार आदि रूटों पर एक दर्जन से अधिक बसें संचालित होती है। रोडवेज चालक-परिचालक हाल ही में सड़क दुर्घटना में संबंधित बस से किसी व्यक्ति की मौत होने पर चालक को कड़ी सजा और 10 लाख रुपए जुर्माना देने का प्रावधान का विरोध कर रहे हैं। रोडवेज कर्मियों ने इसे काला कानून करार दिया है। बस अड्डों में बसों के इंतजार में भटक रही सवारियों को गंतव्य तक पहुंचने के लिए मजबूरन प्राइवेट वाहन का सहारा लेना पड़ा, जो उनकी जेब पर भारी पड़ा।
ऋषिकेश रोड डिपो के अधीक्षक अनुराग पुरोहित ने बताया कि सोमवार सुबह पर्वतीय रुट की दो बसें निर्धारित समय पर रवाना हई। उसके बाद किसी भी रूट पर बेसन का संचालन नहीं हो पाया।