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उत्तराखंड वनाग्नि | आग के तांडव में ख़ाक होती वन-सम्पदा

उत्तराखंड में अग्नि के रौद्र रूप की भेंट चढ़ता जंगल, जीव और जीवन।
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देहरादून | उत्तराखंड के जंगलों में आग बेकाबू हो गई है। पिछले 24 घंटों में 45 नए जंगलों में आग भड़कने लगी है। आग के निरंतर चलते तांडव के बीच इसकी चपेट में आकर 63 हेक्टेयर जंगल जलकर खाक हो चुका है।

अग्नि के इस रौद्र रूप से निपटने के लिए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने केंद्र से मदद मांगी है। मामले को गंभीरता से देखते हुए केंद्र ने दो हेलिकॉप्टर और एनडीआरएफ के जवानों को उत्तराखंड भेज दिया है।

दरअसल, आग थमने का नाम नहीं ले रही है और ऐसे में अब खतरा कॉर्बेट नेशनल पार्क के जंगलों पर भी मंडरा रहा है। शनिवार रात तक रामनगर वन प्रभाग के मोहान के पास जंगल में आग लगी थी। इससे तराई पश्चिम वन प्रभाग के सावल्दे, हल्दुआ और काशीपुर रेंज के जंगल जल गए। यह इलाके कॉर्बेट पार्क से सटे हुए हैं।

फिलहाल राज्य सरकार के तमाम इंतजाम नाकाफी साबित हो रहे हैं। वहीं दूसरी ओर केंद्र द्वारा भेजे गए भारतीय वायुसेना के चौपर आग बुझाने के अभियान में जुड़ गए हैं. केंद्र द्वारा भेजे गए दोनों एयरफोर्स के चॉपर टिहरी झील से पानी भरकर जंगलों की आग बुझाने में जुटे हुए हैं। इस अभियान में वन विभाग, पुलिस प्रशासन, फायर और एयरफोर्स के साथ मिलकर काम कर रहा है।

पिछले 24 घंटे में उत्तराखंड में 68 हेक्टेयर वन क्षेत्र जलकर खाक हो गया है। प्रमुख वन संरक्षक राजीव भरतरी ने बताया कि इस फॉरेस्ट सीजन में 1376 वन क्षेत्र जलकर खाक हो गए हैं। गौरतलब है कि उत्तराखंड में पिछले 1 सप्ताह से वन अग्नि की घटनाओं में बेतहाशा वृद्धि हुई है।

964 जगहों पर लगी हुई है आग

उत्तराखंड के मंत्री हरक सिंह रावत ने बताया कि राज्य में 964 जगहों पर आग लगी हुई है। मौसम ने हालात को और ज्यादा चुनौतीपूर्ण बना दिया है। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत और मैं इस मामले पर पूरी नजर बनाए हुए हैं। हम हेलिकॉप्टर से आग बुझाने की कोशिश करेंगे।

वहीं मुख्यमंत्री रावत ने आपात बैठक में वन अधिकारियों और जिला अधिकारियों को निर्देश दिया कि जब तक स्थिति को नियंत्रण में नहीं लाया जाता, तब तक वे अपने कर्मचारियों को छुट्टी न दें।

फायर फाइटिंग ऑपरेशन के लिए 12,000 से अधिक वन कर्मियों को किया गया तैनात

मुख्यमंत्री कार्यालय के मुताबिक, फायर फाइटिंग ऑपरेशन के लिए 12,000 से अधिक वन कर्मियों को तैनात किया गया है। वन विभाग के आंकड़े बताते हैं कि 1 अक्टूबर 2020 के बाद से 1,359 हेक्टेयर में जंगल की आग की 1,028 घटनाएं हुई हैं। ये घटनाएं नैनीताल, अल्मोड़ा, टिहरी गढ़वाल और पौड़ी गढ़वाल जिलों में देखने को मिली हैं।

वन क्षेत्र को निगलती ये आग सिर्फ जंगल नहीं उससे जुड़े तमाम जीवों के ऊपर भी कहर बरसा रही है और मौसम ने हालात को और ज्यादा चुनौतीपूर्ण बना दिया है। ऐसे में हम कर सकते हैं तो बस प्रार्थना कि इश्वर इस आग को जल्द शांत करें और इस कहर से प्रदेश के जंगलों को निजात दें।