लंदन। डेटा लीक और जासूसी करने जैसे गंभीर आरोप का सामना कर रही फेसबुक अब सियासी हस्तक्षेप को लेकर कठघरे में आ गई है। अब उस पर यह आरोप लगा है कि उसने दुनियाभर में अपने प्लेटफॉर्म के जरिए सियासी हस्तक्षेप को न केवल बढ़ावा दिया बल्कि अपने प्लेटफॉर्म के जरिए उन्हें समर्थन भी दिया है।
रिपोर्ट के मुताबिक फेसबुक ने 25 से अधिक देशों में न सिर्फ नेताओं को अपने विरोधियों को परेशान करने के लिए बल्कि जनता को भी बरगलाने के लिए अपने प्लेटफार्म का दुरुपयोग करने की खुली छूट दी।
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गार्जियन ने इस बात का खुलासा फेसबुक की पूर्व डेटा साइंटिस्ट सोफी झांग के हवाले से किया, जिसे कंपनी ने सितंबर 2020 में खराब प्रदर्शन के बहाने निकाल दिया था। झांग को जनवरी 2018 में फेक इंगेजमेंट को रोकने के लिए नियुक्त किया गया था।
झांग ने बताया कि फेसबुक ने किस तरह अमेरिका या अन्य संपन्न देशों को प्रभावित करने के लिए गरीब, छोटे और गैर-पश्चिमी देशों को अपने प्लेटफार्म के दुरुपयोग की मंजूरी दी।
कंपनी ने अमेरिका, ताइवान, दक्षिण कोरिया और पोलैंड जैसे देशों में राजनीतिक हस्तक्षेप करने वाले मुद्दों पर तत्परता दिखाई जबकि अफगानिस्तान, इराक और मंगोलिया या फिर मैक्सिको, लेटिन अमेरिका के देशों के मामलों में बिल्कुल भी हस्तक्षेप नहीं किया।
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