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पौड़ी: ज़िला प्रशासन और डॉक्टर्स आमने-सामने

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हालांकि कोरोना संक्रमण के इस दौर में जिला प्रशासन और स्वास्थ्य महकमे ने मिलजुल कर सामना किया मगर जैसे-जैसे समय निकलता जा रहा है ये दोनों ही कोरोना योद्धा आमने-सामने होते दिखाई दे रहे हैं जिसका खामियाजा आने वाले समय में कहीं ना कहीं आमजन को उठाना पड़ सकता है।
पौड़ी: ज़िला प्रशासन और डॉक्टर्स आमने-सामने

पौड़ी: ज़िला प्रशासन और डॉक्टर्स आमने-सामनेपौड़ी: देश के साथ हमारे प्रदेश में भी कोरोना संक्रमण का क़हर गहराता जा रहा है। बात प्रदेश की करें तो अब कोरोना संक्रमण के केस हमारे प्रदेश में लगातार बढ़ते जा रहे हैं, जिसके लिए जिला प्रशासन के साथ-साथ स्वास्थ्य कर्मचारी, सफाई कर्मचारी और अन्य कर्मचारी भी लगातार काम कर रहे हैं।

मगर आज जिला प्रशासन द्वारा जिला अस्पताल पौड़ी सहित जिले के अन्य सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में छापेमारी की कार्रवाई की गई। इस कार्रवाई से अस्पतालों में सेवाएं दे रहे डॉक्टरों में आक्रोश है। उनका कहना है कि जहां कोरोना संक्रमण के दौर में कोई भी स्वास्थ्य कर्मचारी को छुट्टी नहीं दी जा रही है और ये कर्मचारी बिना किसी स्वार्थ के लगातार इस दौर में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इसके बावजूद भी जिला प्रशासन द्वारा स्वास्थ्य केंद्रों में छापेमारी की कार्रवाई करना सही नहीं है।

डॉक्टरों ने कहा कि ये सभी स्वास्थ्य कर्मचारी 24-24 घंटे अपनी सेवाएं दे रहे हैं उसके बावजूद भी जिला प्रशासन द्वारा आज स्वास्थ्य केंद्रों में छापेमारी की कार्रवाई सही नहीं है। डॉक्टर संगठन के महा सचिव डॉक्टर पुंकेश का कहना है कि जिला प्रशासन द्वारा की जा रही छापेमारी से डॉक्टरों ने हीनता की भावना पनपेगी ओर कहीं न कहीं डॉक्टरों के मनोबल में गिरावट आएगी।

डॉक्टर पुंकेश ने ने कहा कि ये डॉक्टर ही हैं जो पिछले 6 महीने से बिना छुट्टी के अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इसके बावजूद भी जिला प्रशासन द्वारा इस तरह की कार्यवाही करना उचित नहीं है।

इस सन्दर्भ में जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल का कहना है कि उन्हें लंबे समय से स्वास्थ्य केंद्रों में नदारद रह रहे डॉक्टरों ओर स्वास्थ्य कर्मचारियों की शिकायतें मिल रही थी जिसको देखते हुए इस तरह की कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि उनका मकसद किसी भी रूप में कर्मचारियों का मनोबल गिराना नहीं है, बल्कि ऐसे स्वास्थ्य कर्मचारियों और डॉक्टरों का डाटा को इकट्ठा करना है जो लंबे समय बिना किसी सूचना के अस्पतालों से नदारद रहते हैं।

बात कुछ भी हो मगर इतना तय है कि आने वाले समय में जिला प्रशासन पौड़ी और स्वास्थ्य सेवाएं दे रहे डॉक्टरों के बीच तनाव की स्थिति देखि जा सकती है। डॉक्टरों ने साफ कर दिया है कि उनका संगठन आने वाले समय में उनके ऊपर की जा रही इस कार्रवाई के विरोध में अपनी रणनीति तय करेगा।

हालांकि कोरोना संक्रमण के इस दौर में जिला प्रशासन और स्वास्थ्य महकमे ने मिलजुल कर सामना किया मगर जैसे-जैसे समय निकलता जा रहा है ये दोनों ही कोरोना योद्धा आमने-सामने होते दिखाई दे रहे हैं जिसका खामियाजा आने वाले समय में कहीं ना कहीं आमजन को उठाना पड़ सकता है।