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चारधाम मार्गों पर स्वास्थ्य सुविधाएं दुरुस्त करने में जुटा विभाग, विशेषज्ञ चिकित्सकों की होगी तैनाती

उत्तराखंड में आगामी 10 मई से प्रारंभ होने वाली चारधाम यात्रा को सुगम, सुरक्षित व सुव्यवस्थित बनाने की दिशा में लगातार कदम बढ़ाए जा रहे हैं। गत वर्ष चारधाम यात्रा के दौरान 180 से अधिक श्रद्धालुओं की मौत हृदयाघात से हुई थी। इसे देखते हुए इस बार स्वास्थ्य सुविधाओं पर विशेष ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। इस कड़ी में बदरीनाथ व केदारनाथ धाम में बने चिकित्सालयों को स्वास्थ्य विभाग सुव्यवस्थित रूप से संचालित करने की तैयारियों में जुटा है, ताकि आवश्यकता होने पर बीमार श्रद्धालुओं को तत्काल उपचार उपलब्ध कराया जा सके। अभी हायर सेंटर ले जाने में लगने वाले समय के कारण कई श्रद्धालुओं की मौत हो जाती है।

2023 में रिकार्ड 50 लाख श्रद्धालुओं ने की थी यात्रा
प्रदेश में गत वर्ष चारधाम यात्रा के दौरान रिकार्ड 50 लाख से अधिक श्रद्धालु आए थे। इस बार यह संख्या और अधिक होने का अनुमान है। चारों धामों के उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित होने के कारण यहां आने वाले श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ता है। इससे उनकी मौत भी हो जाती है। इसे देखते हुए स्वास्थ्य विभाग अभी से तैयारियों में जुट गया है। इस कड़ी में यात्रा मार्ग पर स्वास्थ्य केंद्रों की संख्या बढ़ाने के साथ ही हेल्थ एटीएम भी बढ़ाए जाएंगे। साथ ही यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की सघन स्क्रीनिंग की जाएगी। जिनका स्वास्थ्य ठीक नहीं पाया जाएगा, उन्हें आराम करने की सलाह दी जाएगी। साथ ही स्वास्थ्य विभाग 150 से अधिक चिकित्सकों को विशेष प्रशिक्षण दे रहा है। उन्हें हृदयाघात से संबंधित मामलों में उपचार का प्राथमिक प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

निजी चिकित्सकों से भी मांगा जा रहा सहयोग
स्वास्थ्य विभाग इस वर्ष चारधाम यात्रा में धर्मार्थ कार्य के लिए निजी चिकित्सकों से भी सहयोग लेने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए सभी से अपील की जाएगी कि जो भी विशेषज्ञ चिकित्सक यहां सेवा देने का इच्छुक है, वह आ सकता है। इसके एवज में विभाग उसे समुचित मानदेय देगा।