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महाकुम्भ ’21 | क्या कुम्भ पर कोविड पड़ सकता है भारी?

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महाकुंभ से कोरोना प्रतिबंध हटने पर विशेषज्ञों ने चेताया - नतीजा हो सकता है खौफनाक।
महाकुम्भ

 

हरिद्वार | उत्तराखंड सरकार द्वारा हरिद्वार में महाकुंभ में भाग लेने वाले लोगों के लिए सभी कोविड-19 प्रतिबंधों को हटाए जाने को लेकर विशेषज्ञों ने सोमवार को चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि धार्मिक कार्यक्रम कोरोना की ताजा लहर में संक्रमण के खतरे को बढ़ा सकते हैं।

दरअसल, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने घोषणा की है कि आयोजन के दौरान कोविड-19 की नेगेटिल रिपोर्ट लाना अनिवार्य नहीं होगा। रावत ने सोमवार को बताया भक्तों को डर था कि अगर उनकी कोविड-19 रिपोर्ट नेगेटिव नहीं होगी तो उन्हें प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इस पर मुख्यमंत्री का कहना था कि लगभग 3.2-3.3 मिलियन भक्त पहले शाही स्नान में भाग लेकर शांति से अपने घर के लिए रवाना हुए हैं।

मुख्यमंत्री ने की प्रदेश में कोविड एवं वैक्सिनेशन की समीक्षा

इधर, हाल में इस्तीफा दे चुके पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच राज्य सरकार को सतर्क रहने की जरूरत है। 2021 में सबसे अधिक संक्रमण के 25,000 मामले रविवार को दर्ज किए गए हैं, इसलिए हमें कुंभ के आयोजन में अधिक सतर्क रहने की जरूरत है। पहाड़ी राज्य में दैनिक कोविड -19 मामलों की संख्या पिछले एक सप्ताह में लगातार बढ़ रही है। सोमवार को, राज्य में 52 कोविड -19 मामले सामने आए।

बता दें कि 11 मार्च को, महाशिवरात्रि के अवसर पर महाकुंभ में पहले “शाही स्नान” के दिन, उत्तराखंड सरकार ने यहां प्रवेश के लिए अनिवार्य कोविड-नेगेटिव प्रमाण पत्र की शर्त को हटा दिया है। इस आयोजन में शामिल होने वाले लोगों की संख्या कोविड-19 प्रतिबंधों के साथ आयोजकों की अनुमानित संख्या से लगभग तीन गुना अधिक थी।

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