Newz Studio

सरल और संक्षिप्त

कोरोना | वैक्सीनेशन के बाद भी हो रहा संक्रमण, जानें वजह

1 min read
डॉo एमसी मिश्र का कहना है कि वैक्‍सीनेशन 100 फीसदी कोविड न होने की गारंटी नहीं देता।
कोरोना

कोरोनानई दिल्‍ली | साल 2020 में कोरोना से जूझने के बाद अब फिर 2021 में भी कोरोना संक्रमितों के मामलों में तेजी आई है। कोरोना से निपटने के लिए विश्‍व में कई वैक्‍सीनों के साथ ही भारत में कोवैक्‍सीन और कोविशील्‍ड दो वैक्‍सीन बनी, जिससे उम्‍मीद जगी कि अब कोरोना पर नियंत्रण हो सकेगा। लेकिन वैक्‍सीन की एक या दोनों डोज लेने के बाद भी कोरोना से संक्रमित हो रहे लोगों के मामलों ने फिर चिंता पैदा कर दी है।

हाल ही में कई इलाकों से इसतरह के मामले सामने आए हैं, जिनमें कोरोना वैक्‍सीन की पहली डोज लेने के बाद लोग कोरोना की चपेट में आ गए हैं।

इस पर ऑल इंडिया इंस्‍टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के पूर्व निदेशक डॉo एमसी मिश्र का कहना है कि देशभर में इसतरह के मामले सामने आना संभव है, क्‍योंकि वैक्‍सीनेशन 100 फीसदी कोविड न होने की गारंटी नहीं देता। जब वैक्‍सीन का ट्रायल होता है,तब इसकी एफिकेसी मापी जाती है।

कोरोना की सभी वैक्‍सीन को देखने पर पता लगाता हैं कि किसी की भी 100 फीसदी एफिकेसी नहीं है। सभी वैक्‍सीन 60 से 95 फीसदी तक ही सभी कारगर हैं। कोविशील्‍ड और कोवैक्‍सीन की एफिकेसी 80 फीसदी है, जबकि फायजर आदि की 95 फीसदी तक है। इस कारण अगर 100 लोगों को वैक्‍सीन लगती है, तब उनमें से संभव है कि एक-दो या पांच कोरोना की चपेट में आ जाएं।

डॉ. मिश्र कहते हैं कि चपेट में आने के बावजूद जो बड़ी बात है वह यह है कि कोरोना की वैक्‍सीन लेने के बाद चपेट में आए लोगों में संक्रमण की गंभीरता इतनी नहीं होगी जितनी कि बिना वैक्‍सीन के सामान्‍य व्‍यक्ति को होगी। वैक्‍सीन के बाद बीमारी की गंभीरता और मृत्‍यु की संभावना काफी कम हो जाती है। यह इसका फायदा है।
वहीं दूसरी जो वजह है वह यह भी है कि कोरोना वैक्‍सीन की दो खुराक दी जाती हैं। इसमें पहली खुराक लगाए जाने के चार से आठ हफ्तों के बाद दूसरी खुराक दी जानी है।इन दिनों के अंतराल में वैक्‍सीन शरीर में एंटीबॉडीज पर काम करेगी।

हालांकि कोवैक्‍सीन और कोविशील्‍ड दो अलग-अलग फॉर्मूलों पर काम करती हैं, इसकारण शरीर में पहुंचकर भी इनका काम एक दूसरे से अलग होगा। इसके बावजूद इन दोनों की एक खुराक कोरोना वायरस को रोकने की दिशा में कोई काम नहीं कर पाएगी। इस कारण पहली खुराक के बाद कोरोना संक्रमित होने की संभावना होती है। वहीं दूसरी डोज को भी पूरी तरह काम करने में कम से कम 15 दिन का समय लगता है, इस कारण इस दौरान कोई भी कोरोना से संक्रमित हो सकता है।

[epic_block_21 header_icon=”fa-angle-double-right” first_title=”उत्तराखंड की ख़बरें” header_type=”heading_3″ header_background=”#bb1616″ header_text_color=”#ffffff” number_post=”8″ include_category=”उत्तराखंड,4094,4608,1636″]