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CM धामी ने में गुलदार के हमलों पर जताई चिंता, मानव-वन्यजीव संघर्ष वाले क्षेत्रों में 24 घंटे अलर्ट मोड पर वन विभाग

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उत्तराखंड में वन्यजीवों के हमलों की बढ़ती घटनाओं को लेकर सरकार सतर्क हो गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून के विभिन्न क्षेत्रों में गुलदार के हमलों की घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए प्रमुख सचिव वन आरके सुधांशु को ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावी कार्ययोजना तैयार कर कदम उठाने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि राज्य में जिन क्षेत्रों में मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाएं हो रही हैं, वहां वन विभाग को 24 घंटे अलर्ट मोड पर रखा जाए।
राज्य के अन्य क्षेत्रों की भांति देहरादून के आइटी पार्क, किमाड़ी, सिंगली, धौलास, दूधली क्षेत्रों में लंबे समय से गुलदारों की सक्रियता बनी हुई है। रविवार शाम को ही गुलदार ने एक बच्चे को घायल कर दिया था। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को सचिवालय में हुई बैठक में देहरादून समेत राज्य के विभिन्न हिस्सों में मानव-वन्यजीव संघर्ष की स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने मनुष्य के लिए खतरनाक साबित हो रहे गुलदारों को पकडऩे के लिए पिंजरे लगाने और प्रभावित क्षेत्रों में वन कर्मियों की सघन गश्त सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

लापरवाह अधिकारियों पर हो सख्त कार्रवाई
मुख्यमंत्री ने कहा कि वन्यजीवों के हमलों की रोकथाम के लिए प्रभावी कार्ययोजना तैयार कर उसे धरातल पर उतारा जाना चाहिए। उन्होंने दो टूक कहा कि वन्यजीवों के हमले रोकने में लापरवाही बरतने वाले वन विभाग के अधिकारियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई भी अमल में लाई जाए।

अन्य राज्यों में भेजे जा सकते हैं वन्यजीव
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के वन क्षेत्रों में धारण क्षमता से अधिक वन्यजीव होने की स्थिति में, यदि अन्य राज्यों से वन्यजीवों की मांग आ रही है तो इसकी विस्तृत रिपोर्ट बनाई जाए। फिर इसके आधार पर कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने राज्य में नए वन्यजीव रेस्क्यू सेंटर बनाने के निर्देश भी दिए।

जल्द लाएं अनुग्रह राशि बढ़ाने का प्रस्ताव
वन्यजीवों के हमले में मृत्यु होने पर स्वजन को आर्थिक सहायता के रूप में प्रदान की जाने वाली अनुग्रह राशि चार लाख से बढ़ाकर छह लाख रुपये करने का सरकार ने पूर्व में निर्णय लिया था। मुख्यमंत्री ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस संबंध में प्रस्ताव जल्द से जल्द लाया जाए। बैठक में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, प्रमुख वन संरक्षक वन्यजीव डा समीर सिन्हा उपस्थित थे।