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उत्‍तराखंड में छात्रसंघ चुनाव को लेकर विश्वविद्यालयों के पाले में गेंद

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उत्‍तराखंड में छात्रसंघ चुनाव को लेकर विश्वविद्यालयों के पाले में गेंद

 

देहरादून| प्रदेश में छात्रसंघ चुनाव का मसला उछलने के बाद गेंद विश्वविद्यालयों के पाले में जाना तय है। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ने इस कदर कहर ढाया कि नया शैक्षिक सत्र छह महीने बाद भी ढर्रे पर नहीं आ सका है। अंतिम वर्ष और पहले सेमेस्टर की परीक्षाएं किसी तरह निपटाने वाले विश्वविद्यालय अभी परीक्षा परिणाम घोषित नहीं कर पाए हैं। यही नहीं कोविड-19 के प्रोटोकाल का पालन करने का दबाव तारी है। उधर, उच्च शिक्षा मंत्री डा धन सिंह रावत ने कहा कि छात्रसंघ चुनाव के बारे में फैसला विश्वविद्यालयों को लेना है।

कोरोना महामारी के चलते प्रदेश में डेढ़ साल से विश्वविद्यालयों और सरकारी व सहायताप्राप्त अशासकीय डिग्री कालेज बंद रहे हैं। बीते शैक्षिक सत्र में छात्रसंघ चुनाव नहीं कराए जा सके। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर का दुष्प्रभाव प्रदेश ने झेला है। संक्रमण में सुधार होने पर करीब छह महीने बाद अक्टूबर से विश्वविद्यालयों और डिग्री कालेजों को खोला जा सका है। हालांकि इन सभी उच्च शिक्षण संस्थानों के लिए कोविड-19 के प्रोटोकाल का पालन अनिवार्य किया गया है। ऐसी स्थिति में विश्वविद्यालयों की ओर से अभी तक छात्रसंघ चुनाव के लिए वातावरण को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं की गई है।

उच्च शिक्षा मंत्री डा धन सिंह रावत की अध्यक्षता में बीते रोज सचिवालय में हुई विभागीय समीक्षा बैठक में छात्रसंघ चुनाव के मुद्दे पर भी चर्चा हो चुकी है। बैठक में ज्यादातर कुलपतियों ने छात्रों की ओर से चुनाव की मांग की बात नहीं उठाई। सिर्फ कुमाऊं विश्वविद्यालय के कुलपति ने ही छात्रों की ओर से उठी मांग के बारे में जानकारी दी। अब छात्रसंघ चुनाव को कांग्रेस मुद्दा बना चुकी है। देहरादून में दो छात्रनेताओं के चुनाव की मांग को लेकर सरकार पर दबाव बनाने का मामला सामने आने के बाद यह मुद्दा गर्मा गया है।

इस संबंध में संपर्क करने पर उच्च शिक्षा मंत्री डा धन सिंह रावत ने कहा कि शैक्षिक सत्र देर से प्रारंभ हुआ है। कोरोना से उपजी परिस्थितियों के चलते विश्वविद्यालय अभी तक प्रथम सेमेस्टर के परीक्षा परिणाम घोषित नहीं कर पाए हैं। कोविड-19 का प्रोटोकाल का पालन करते हुए छात्रसंघ चुनाव की संभावना का आकलन उन्हें करना है। विश्वविद्यालयों से प्रस्ताव मिलने पर सरकार इस संबंध में विचार कर सकती है।