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ALCOHOLICS ANONYMOUS – क्या आपने सुना है ये नाम?

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एल्कोहलिक एनानिमस ऐसे स्त्री-पुरूषों की संस्था है जो एक दूसरे से आपस में अपना अनुभव शक्ति व आशा बाटंते हैं, ताकि वे अपनी शराब की सांझी समस्या का हल कर सकें व दूसरे शराबियों की इस लत से छुट्कारा दिलाने में सहायता कर सकें। इस संस्था में प्रवेश पाने के लिए किसी प्रकार का कोई चंदा या फीस नहीं देनी पड़ती, जोकि पूर्ण रूप से निःशुल्क है।
ALCOHOLICS ANONYMOUS - क्या आपने सुना है ये नाम?
  • लोग शराब नहीं पी रहे, बल्कि शराब उनको पी रहीः एए
  • दो हेल्पलाइन नम्बर 90120022298979296800 भी किये गये जारी।
  • एए संस्था लोगों में शराब की लत छुड़ाने की मुहिम में जुटी
  • देशभर में सात लाख ने संस्था से सम्पर्क कर जुड़ने की इक्छा की जाहिर
  • जनपद हरिद्वार में दिसम्बर 213 में एए संस्था की हुई शुरूआत

हरिद्वार । एल्कोहलिक्स एनोनिमस (एए) की शुरुआत हरिद्वार में दिसम्बर 2013 में हुई थी। एल्कोहलिक एनानिमस ऐसे स्त्री-पुरूषों की संस्था है जो एक दूसरे से आपस में अपना अनुभव शक्ति व आशा बाटंते हैं, ताकि वे अपनी शराब की सांझी समस्या का हल कर सकें व दूसरे शराबियों की इस लत से छुट्कारा दिलाने में सहायता कर सकें। इस संस्था में प्रवेश पाने के लिए किसी प्रकार का कोई चंदा या फीस नहीं देनी पड़ती, जोकि पूर्ण रूप से निःशुल्क है।

एल्कोहलिक्स एनोनिमस संस्था द्वारा शराब आदत के भंवर जाल में फंसे लोगों को अपने प्रयासों से उनको शराब की लत को छुटकारा दिलाने तथा उनको आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास किया जाता है। इस बात की जानकारी एल्कोहलिक्स एनोनिमस संस्था से जुड़े सदस्य विजय, कमल, रूपेश और राम कुमार (सभी कल्पानिक नाम) ने संयुक्त रूप से सोमवार को प्रेस क्लब हरिद्वार में पत्रकार वार्ता के दौरान दी।

उन्होेंने कॉलेज समय से अब तक के जीवन काल के सम्बंधा में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि वह नशे के आदी थे। उनकी शुरूआत शराब के एक पैक से शुरू हुई। शराब की लत ने धाीरे-धाीरे अपने गिरफ्त में इस कदर जकड़ लिया कि वह शराब नहीं पी रहे बल्कि शराब उनको पी रही थी। उनकी रोजना की दिनचर्या में एक पैक से शुरू हुई, लेकिन धीरे-धीरे कब उनकी शराब की आदत आधी बोतल में बदल गयी उनको पता नहीं चला। जब वह कॉलेज से निकले गृहस्थ में प्रवेश किया और व्यापार या नौकरी की दहलीज पर कदम रखा, उन्होंने शराब की आदत को छोड़ने का काफी प्रयास किया लेकिन शराब ने उनको नहीं छोड़ा।

शराब की लत में जकड़े लोग परिवार के लिए भी पीड़ादायी

उन्होंने बताया कि व्यापार व नौकरी से घर लौटते वक्त खुद उनके कदम शराब के ठेकों की ओर बढ़ने लगते। हम शराब के नशे में मस्त रहते, लेकिन उनका परिवार, रिश्तेदार, माता-पिता, बच्चे और पत्नी मानसिक पीडा से गुजरते। जब तक काम से वापस सही सलामत घर ना पहुंचते, तब तक उनके बच्चे, पत्नी, माता-पिता और परिवार उनके घर पहुंचने का दरवाजे पर नजर गढ़ाये उन इंतजार करते रहते। वह शराब की लत को छोड़ना तो चाहते थे, लेकिन शराब उनको नहीं छोड़ रही थी। परिवार, बच्चों, पत्नी, माता-पिता की परेशानी को समझते थे, लेकिन हम शराब की गिरफ्त में इतने जकड़ चुके थे कि जकड़ से बाहर नहीं आ पा रहे थे। इसी दौरान एल्कोहलिक्स एनोनिमस संस्था के बारे में जानकारी हुई।

उन्होंने बताया कि एए संस्था का लाभ सब से पहले विजय ने उठाया और उन्होंने ही दिसम्बर 2013 में अपने जैसे शराब की जकड़ में आ चुके लोगों को शराब की आदत से छुड़कारा दिलाने का प्रयास शुरू किया। एए संस्था का शुरूआत में लोगों विश्वास नहीं किया, लेकिन धाीरे-धाीरे लोग जुडे और उनकी शराब की लत से छुड़कारा मिला। जो लोग उनको नशेड़ी कहकर पुकराते थे अब उनका नजरिया भी उनके प्रति बदला और उनके इस अभियान का स्वागत किया।

अगर हरिद्वार हरिद्वार की बात करें तो एए संस्था से करीब 25-30 लोग जुड़े हैं जोकि पूरी शराब की लत को छोड़ चुके हैं। उन्होंने बताया कि एल्कोहलिक्स एनोनिमस संस्था नशेडियों की शराब की लत से छुटकारा दिलाने का भरपूर प्रयास कर रहे हैं। जिसके तहत एए संस्था द्वारा सेंट मैरी स्कूल ज्वालापुर में प्रत्येक रविवार को सायं 4 से 5.30 बजे तक, राम कृष्ण मिशन अस्पताल मे प्रत्येक गुरूवार को सायं 4 से 5 बजे और बहादराबाद स्थित सामुदायिक केन्द्र में शनिवार को सुबह 10 बजे से 12 बजे तक बैठक की जाती है। जिसमें शराब के नशे की लत में जकड़ चुके लोगों को सही राह दिखाने का प्रयास किया जाता है।

एल्कोहलिक्स एनोनिमस संस्था के सम्बंधा में सभी अस्पतालों मे जागरुकता हेतु बोर्ड लगाये जाने का कार्य शुरु कर दिया गया है। इस अवसर पर दो हेल्पलाइन नम्बर 9012002229 व 8979296800 भी जारी किये गये। जिस पर इस संस्था के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है। उन्होंने बताया कि एल्कोहलिक्स एनोनिमस संस्था विश्व के 184 देशों मे फैल गई- आज एए की सदस्यता 40 लाख से अधिक है तथा इसकी सभाएं नियमित रुप से बडे शहरो और कस्बों में होती हैं।

भारत में एल्कोहलिक्स एनोनिमस की शुरुआत

भारत में इसकी शुरुआत दिल्ली में 1957 में हुई पर मुम्बई में एए पनपा। जिसमें की पूरे भारत वर्ष में अनुमानित आज की तारीख में 45,000 से ज्यादा सदस्य हैं। वर्ष 2012 में आमिर खान द्वारा निर्मित सत्यमेव जयते के प्रसारण में भी इस संस्था के कार्यों को बताया गया था। ततपश्चात इस संस्था की लोकप्रियता भारत में बहुत बढी।

कोई भी उठा सकता है लाभ

उत्तराखण्ड और उत्तर प्रदेश से एए की हेल्प लाईन पर 5000 तथा पूरे भारत से 7,00,000 से अधिक जानकारी हेतु काल्स आई। इसका अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह संस्था कितनी व्यापक है। एए का अनुभव यह दर्शाता है कि जो सद्स्य नियमित रुप से एए की बैठक में जाते है और उनके सुझाए सिद्धांतों को अपने जीवन में अपनाते हैं। वह आम तौर पर एक-एक दिन कर पहले घातक घूंट से दूरी बनाने में सफल रहते हैं। एए संस्था की बैठक में कोई भी इच्छुक व्यक्ति सम्मिलित होकर लाभ उठा सकता है।