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 पूर्वी लद्दाख के आसमान में करीब 2 दर्जन चीनी फाइटर जेट कर रहे थे अभ्यास

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चीनी वायु सेना का यह बड़ा अभ्यास पूर्वी लद्दाख के विपरीत में मौजूद बीजिंग के एयरबेस से किया गया।

नई दिल्ली। मंगलवार को चीन के कुछ फाइटर जेट पूर्वी लद्दाख के विपरीत दिशा में अभ्यास करते देखे गए। भारत के अनुसार, इनकी संख्या दो दर्जन के करीब होगी। भारत और चीन के बीच कई दौर की वार्ता हो चुकी है लेकिन अब तक दोनों देशों के बीच जारी सैन्य तनाव में कमी नहीं आई है। अब चीनी वायु सेना का यह बड़ा अभ्यास पूर्वी लद्दाख के विपरीत में मौजूद बीजिंग के एयरबेस से किया गया।

रक्षा सूत्रों के अनुसार, करीब 21-22 चीनी फाइटर जेट में प्रमुखता से जे-11 थे जो एसयू-27 फाइटर जेट की चीनी कॉपी है और कुछ जे-16 फाइटर जेट पूर्वी लद्दाख में भारतीय इलाके की विपरीत दिशा में अभ्यास कर रहे थे। चीन के इन फाइटर जेट की गतिविधियां इसके होतन, गर गुनसार और काशगर एयरफील्ड एयरबेस से की गई। ये सभी हाल में ही अपग्रेउ किए गए ताकि सभी तरह के फाइटर जेट को यहां से सपोर्ट मिल सके।

सूत्रों के अनुसार, अभ्यास के दौरान ये सभी चीनी एयरक्राफ्ट अपने ही क्षेत्र के भीतर रहे। पिछले साल से लद्दाख में भारतीय फाइटर जेट गतिविधियां भी लद्दाख में सक्रिय है। भारतीय वायु सेना भी नियमित रूप से लद्दाख के आसमान में अपने राफेल फाइटर जेट का राउंड लगवाती रहती है। सूत्रों ने बताया कि हालांकि चीन ने पैंगोंग झील के इलाके से अपनी सेना की वापसी कर ली है लेकिन अपने एयर डिफेंस सिस्टम को नहीं हटाया है जिसमें एचक्यू-9 और एचक्यू-16 शामिल है। ये दोनों ही लंबी दूरी तक निशाना साधने की क्षमता रखते हैं। चीन की वायु सेना व उसके होतन, गुरगुनसा, काशघर, हॉपिंग, कोंका जोंग, लिंझी और पंगट एयरबेस पर भारत की पैनी नजर रहती है।