भगवानपुर: ज़हर उगलती फैक्टरियों से धुंआ लेने को मजबूर आमजन
भगवानपुर | उत्तराखंड बनने से हरिद्वार के भगवानपुर को सौगात के रूप में औद्योगिक क्षेत्र तो मिला लेकिन साथ ही मिले अनेकों प्रकार के रोग भी। विज्ञान के इस युग मे मानव को जहाँ कुछ वरदान मिले हैं वहीं कुछ अभिशाप भी मिले है। प्रदूषण भी विज्ञान की कोख से जन्मा एक ऐसा ही अभिशाप है जिसे सहने के लिये अधिकांश जनता मजबूर है।
भगवानपुर औद्योगिक क्षेत्र में सैकड़ों की तादाद में चलने वाली कंपनियां हर दिन ज़हर उगल रही हैं। प्रदूषण के रूप में वातावरण में घोला जा रहे इस ज़हर की बाबत आसपास के ग्रामीणों से बात की गयी तो उन्होंने कहा कि कंपनियों से धुंए की शक्ल में निकलने वाला धुंआ महज धुंआ नहीं बल्कि एक ज़हर है जिसके चलते बूढ़े व बच्चों को सांस लेने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
वहीं मौजूद किसान काँग्रेस के प्रदेश महासचिव का कहना था कि कपनियों के जहरीले धुंए से टीबी, कैंसर व सांस की घातक बीमारियां भगवानपुर में अपनी जड़ें मजबूत करने में लगी है। इस प्रदूषण के असरात जो आम जनता को झेलने पड़ रहे हैं उसके लिए अब उनकी उम्मीद सिर्फ सरकार और प्रशासन पर ही टिकी है। देखने वाली बात होगी कि उनकी उम्मीदों पर प्रशासन का रुख क्या होता है।