November 22, 2024

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रुद्रप्रयाग का पौराणिक हनुमान मंदिर ध्वस्त – लोग निकाल रहे ट्विटर पर गुस्सा

इस मंदिर के स्थान पर दूसरी जगह हनुमान मंदिर बनाया जाएगा। मंदिर से सटा हुआ एक पौराणिक पीपल का पेड़ है। इस पेड़ को भी यहां से हटाया जा रहा है।

 

रुद्रप्रयाग: रूद्रप्रयाग मुख्य बाजार की पहचान बना पौराणिक हनुमान मंदिर ऑल वेदर रोड परियोजना के उद्देश्य हेतु बलि चढ़ गया।  परियोजना के तहत बद्रीनाथ और केदारनाथ हाईवे के चौडीकरण हेतु हाईवे के अन्य मार्गों पर स्थित सार्वजनिक स्थलों को पूर्व में ही चिन्हित किया गया था, जिसके चलते रुद्रप्रयाग मुख्य बाजार मेंं पौराणिक हनुमान मंदिर को हटा दिया गया।

रामभक्त हनुमान के प्राचीन मंदिर के तोड़े जाने से सोशल मीडिया पर लोगों ने बीजेपी सरकार की निंदा की। एक यूजर ने हनुमान मंदिर को ध्वस्त किये जाने पर सुब्रह्मण्यम स्वामी को टैग करते हुए लिखा कि:

“डॉ @ Swamy39 जी, रुद्रप्रयाग में 180 वर्ष पुराना हनुमान मंदिर, उत्तराखंड की सड़क को चौड़ा करने के लिए ध्वस्त कर दिया गया है आश्चर्य है कि इसके लिए कोई दूसरा विकल्प नहीं था। आइडल को दूसरी जगह स्थानांतरित कर दिया गया है !! “प्राणप्रतिष्ठा” के बाद, क्या हम मंदिर को नष्ट करके मूर्ति को स्थानांतरित कर सकते हैं?”

इस पर सुब्रह्मण्यम स्वामी ने जवाब देते हुए लिखा –

“वर्तमान भाजपा यूके सरकार, 51 प्राचीन मंदिरों को संभालने के बाद और अब जैसा कि आप सूचित करते हैं, हनुमान मंदिर को ध्वस्त करना हिंदू के रूप में रावण के रूप में है। 51 मंदिर सीता का प्रतिनिधित्व करते हैं, और मंदिर को ध्वस्त करना हनुमान की पूंछ पर आग जलाने जैसा है।”

देखें ट्वीट:

आपको बता दे कि ये मंदिर रुद्रप्रयाग बाजार के बीचों बीच था। यात्रा पर आने वाले सभी यात्री मंदिर के दर्शन करते हुए आगे बढ़ते थे। हालांकि व्यापारियों के साथ वार्ता करके पूर्व में ही हनुमानजी की मूर्ति को दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया गया गया था।

इसके अलावा भी कई यूज़र्स ने इस खबर पर दुःख और क्रोध जताया है:

https://twitter.com/real_pahadi/status/1275443438641532928?s=20

https://twitter.com/saffronpride_/status/1275638596800741380?s=20

https://twitter.com/AandhiDe/status/1275766460388761600?s=20

https://twitter.com/AnkitPatwal11/status/1275831981570326528?s=20

https://twitter.com/IamSurajRana/status/1276046600729575424?s=20

 

इस मंदिर के स्थान पर दूसरी जगह हनुमान मंदिर बनाया जाएगा। मंदिर से सटा हुआ एक पौराणिक पीपल का पेड़ है। इस पेड़ को भी यहां से हटाया जा रहा है।